ये खबर आपको हैरान करने वाली है जिस कोरोना महामारी का नाम सुनते ही सिहरन होने लगती है, जिसने पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान ले ली है।
इन सबके बीच आपने सुना होगा कि कोई शख्स कोरोना से एक या दो बार संक्रमित हुआ होगा, लेकिन दुनिया में एक शख्स ऐसा भी है, जो अविश्वनीय ढंग से 43 बार कोरोना संक्रमित हुआ। कमाल की बात ये है कि जिस कोरोना वायरस की चपेट में आने से जवान और तंदरूस्त लोगों की हालत खराब हो जाती है, उस वायरस के हमले को उसने हर बार मात दी है।
कोरोना के खिलाफ इस अनूठी जंग में इस कोरोना योद्धा को कम से कम सात बार अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा। ये अनोखा योद्धा ग्रेट ब्रिटेन के ब्रिस्टल का रहने वाला है। ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर रह चुके अदभुत जिजीविषा वाले इस इंसान का नाम डेव स्मिथ है।
डेव का कहना है कि वो एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 43 बार कोरोना की लपेटे में आया। इस संबंध में नॉर्थ ब्रिस्टल एनएचएस ट्रस्ट के मोरन कहते हैं कि स्मिथ के शरीर में कोरोना के सक्रिय वायरस थे। 72 साल के स्मिथ पिछले 10 महीनों में 43 बार कोरोना पॉजिटिव पाये गए।
यह अब तक ज्ञात मामलों में सबसे अनोखा और अलग तरह का केस है। मेडिकल फील्ड से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर डेव स्मिथ की उम्र को देखा जाए, तो यह एक दिलचस्प केस है जिस पर बहुत गहराई से शोध की जरूरत है।
अगर कोरोना की पहली और दूसरी लहर को देखें, तो बुजुर्गों पर खतरा रहा है। इस केस को अपवाद इसलिए नहीं माना जा सकता, क्योंकि वो शख्स 43 बार कोरोना संक्रमित हो चुका है।
इसे केस स्टडी मानकर रिसर्च भी किया जा रहा है। स्मिथ बताते हैं कि जब वो इस तरह से बीमार पड़ने लगे, तो नौकरी से इस्तीफा दे दिया और परिवार वालों को बुलाकर कहा कि अब चलने का समय आ गया है। ये बात अलग है कि इतने दफा कोरोना संक्रमित होने के बाद भी वो जिंदा बच निकले। जानकारों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान अलग-अलग मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इस शख्स का केस अलग है।
सात बार अस्पताल में भर्ती होना और बच कर निकल जाना किसी जादू से कम नहीं है।