नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा एंटी स्माग टावर लगने से राजधानी के लोगों को प्रदूषण से कुछ राहत मिलेगी। ये 1 किलोमीटर की परिधि में 90 फीसद तक हवा को स्वच्छ करेगा।
टावर के ऊपर एक घड़ी भी लगेगी, जिसकी वजह से दूर से यह घंटाघर की तरह दिखेगा। बताया गया कि आनंद विहार बस अड्डे के आसपास टावर की मदद से पीएम 2.5 का स्तर को 60% तक कम होगा। एक वर्ष तक केवल इसकी दक्षता जांची जाएगी। पर्यावरण पर पड़ने वाले इसके असर को लोग एक्यूआई के रूप में डिजिटल डिसप्ले बोर्ड पर देख सकेंगे।
CPCB की इस परियोजना का निर्माण कर रही टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के सहायक उपाध्यक्ष राजीब मंडल ने बताया कि टावर का काम जुलाई अंत तक पूर्ण हो जाएगा। करीब पंद्रह दिन का परीक्षण होगा। 15 अगस्त तक इसे चालू करने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें, आइआइटी बाम्बे भी परियोजना में तकनीकी रूप से मदद कर रहा है। इस तरह के एंटी स्माग टावर अमेरिका में बने हैं। मिनेसोटा विश्वविद्यालय से इस टावर को बनाने का डिजाइन लिया गया है। एंटी स्माग टावर में नीचे 1.40 मीटर व्यास के 40 (चारों तरफ दस-दस) पंखे लगाए गए हैं। ये पंखे टावर के ऊपरी हिस्से से प्रति सेकंड 960 घन मीटर दूषित हवा खीचेंगे।
पंखों के आसपास नोवेल ज्योमेट्री फिल्टरेशन सिस्टम (एनजीएफएस) से दो तरह के दस हजार फिल्टर लगेंगे। जिससे दूषित हवा उनसे छनने के बाद शुद्ध होकर टावर के निचले हिस्से से बाहर जाएगी। दावा है कि प्रति सेकंड करीब 864 घन मीटर स्वच्छ वायु टावर से बाहर निकलेगा। टावर में जगह-जगह सेंसर लगाए जाएंगे।