नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सतत शहरी विकास के लिए भारत के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय तथा जापान के मिनिस्ट्री ऑफ लैंड, इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट एंड टूरिज्म मंत्रालय के बीच सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने को मंजूरी दे दी है। इससे सतत शहरी विकास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उक्त आशय के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान की। इससे दोनों देशों के बीच सतत शहरी विकास के क्षेत्र में मजबूत, गहरे और दीर्घकालिक द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार को आशा है कि समझौता-ज्ञापन से शहरी नियोजन, स्मार्ट सिटी विकास, सस्ते आवास (किराये के मकान सहित), शहरी बाढ़ प्रबंधन, सीवर और अपशिष्ट जल प्रबंधन, शहरी यातायात (बौद्धिक यातायात प्रबंधन प्रणाली, यातायात की सुविधा से लैस विकास और बहुपयोगी एकीकरण सहित) तथा आपदा का सामना करने योग्य विकास समेत सतत शहरी विकास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इसके दायरे में सहयोग के सम्बन्ध में कार्यक्रमों का क्रियान्यवन करने और रणनीति तैयार करने के लिये एक संयुक्त कार्य-दल गठित किया जायेगा। संयुक्त कार्य-दल की बैठक साल में एक बार होगी और बारी-बारी से जापान और भारत में आयोजित की जायेगी। साथ ही इसके तहत सहयोग उसी दिन से शुरू हो जायेगा, जिस दिन हस्ताक्षर किए जायेंगे और समझौते की अवधि पांच साल है। उसके बाद पांच साल की अवधि पूरी होने पर उसका नवीनीकरण अगले पांच साल के लिये अपने-आप हो जायेगा।