बीएयू के उत्थान में पूर्ववर्ती छात्रों से सहयोग की अपेक्षा : डॉ ओंकार नाथ सिंह

झारखंड
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  • एरेक ने वार्षिक समर वर्चुअल एल्युमनी मीट में 110 पूर्ववर्ती छात्रों ने भाग लिया

रांची। बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय के एल्युमनी ऑफ रांची एग्रीकल्चर कॉलेज (एरेक) ने शनिवार देर शाम 13वां वार्षिक समर वर्चुअल मीट का आयोजन किया। मुख्य अतिथि बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि 1955 में स्थापित एकमात्र रांची एग्रीकल्चर कॉलेज की जगह वर्तमान में कृषि संकाय अधीन 4 एग्रीकल्चर कॉलेज, एक-एक एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग और हॉर्टिकल्चर कॉलेज संचालित है। विवि इतिहास में पहली बार इस वर्ष 4 एग्रीकल्चर कॉलेज के करीब 204 एग्रीकल्चर ग्रेजुएट को डिग्री मिलने की संभावना है। कृषि संकाय सहित पूरा विवि शिक्षकों की 85 प्रतिशत कमी से जूझ रहा। शैक्षणिक एवं शोध के क्षेत्र में अनेकों समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है।

कुलपति ने कहा कि विवि के सभी कॉलेज के छात्र काफी मेधावी एवं प्रतिभा के धनी है। चंद दिनों पहले आरएसी के अंतिम वर्ष के पांच छात्रों को राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रवेश पाने में सफलता मिली है। कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र के अनुभव का विश्वविद्यालय विशेषकर कृषि संकाय के शैक्षणिक एवं शोध के क्षेत्र के उत्थान तथा छात्रों की प्रतिभा निखारने सहयोग, मार्गदर्शन एवं परामर्श की अपेक्षा है। उन्होंने प्रो एमए मोहसिन एवं डॉ एके सरकार को इस दिशा में मार्गदर्शन देने का आग्रह किया। 

कॉलेज के पहले बैच 1958 के एल्युमनी डॉ एमएमपी अखौरी ने बताया कि पहली बार 1968 में ओल्ड बॉयज एसोसिएशन की स्थापना की गयी थी। इसमें मात्र 40 एल्युमनी शरीक हुए थे। 2009 में स्थापित एरेक सभी एल्युमनी एकसूत्र में जोड़कर एग्रीकल्चर ग्रेजुएट के हित में बढ़िया कार्य कर रहा है। आधुनिक वैश्विक बदलाव के युग में कृषि उद्योग में व्यापक संभावनाएं है। उन्होंने नये एग्रीकल्चरल ग्रेजुएट में उद्यमिता पर बल दिया।

डॉ एनपी सिंह ने संस्था के संसाधन को मजबूती देने, नये छात्रों को कैरियर संभावना पर जागरुकता एवं सहायता के साथ व्यवसायिक नजरियों के साथ लीडरशिप विकसित करने पर जोर दिया। प्रो एमए मोहसिन ने कॉलेजों में क्रमबद्ध प्रयासों की आवश्यकता जताई और मार्गदर्शन में हर संभव मदद देने की बात कही। 

डॉ एके सरकार ने कृषि शैक्षणिक क्षेत्र को अधिक ससक्त करने, छात्रों एवं शिक्षकों के बीच बेहतर समन्यव, नये एग्रीकल्चर कॉलेज की बड़ी समस्यायों का त्वरित निदान एवं व्यावहारिक शिक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही।

एरेक के अध्यक्ष डॉ अब्दुल वदूद ने स्वागत करते हुए बताया कि संस्था के 600 से अधिक पंजीकृत एवं 160 लाइफ एल्युमनी मेंबर हैं। अमेरिका निवासी डॉ एस मल्लिक एवं सुस्मिता श्रीवास्तव ने संयुक्त प्रयास के नये छात्रों के मार्गदर्शन एवं कैरियर काउंसिलिंग के लिए एरेक ने वेबसाईट (www.racalum.com) बनाया है। सभी एग्रीकल्चरल ग्रेजुएट इस साइट पर पंजीकरण कराकर लाभ ले सकते हैं। कोरोना महामारी की अवधि में एरेक ने 30 एल्युमनी को खो दिया। सभी ने उनके निधन पर दुख जताया। मौन रहकर आत्मा की शांति की कामना की। 

मौके पर आईआईएम में चयनित छात्र अर्पिता चौधरी, तीसरे वर्ष की छात्रा प्रगति कुमारी एवं नये एल्युमनी देव कुमार ने अध्ययनरत एग्रीकल्चर ग्रेजुएट के लिए कैरियर काउंसलिंग, एसआरएफ, जेआरएफ एवं अन्य परीक्षा की तैयारी के लिए नियमित एवं समर कोचिंग क्लास चलाने एवं डिजिटल ई लाइब्रेरी तथा समय पर डिग्री प्रदान करने की बात कही।

वर्चुअल मोड में चले इस मीट में एल्युमनी के सदस्यों ने सांस्कृतिक संगीत गायन एवं फिल्मी गीतों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अमेरिका, कनाडा व मलेशिया सहित देश में बसे 110 से अधिक पूर्ववर्ती छात्रों ने भाग लिया। संचालन अमेरिका में बसी एल्युमनी सुस्मिता श्रीवास्तव ने किया।