प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मिला शैक्षिक महासंघ, कई बिंदुओं पर हुई वार्ता

झारखंड
Spread the love

रांची। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ झारखंड प्रदेश, प्राथमिक प्रकोष्ठ के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद सह प्राथमिक शिक्षा निदेशक एवं संयुक्त वित्त सचिव से मिलकर शिक्षा और शिक्षक हित से जुड़े विभिन्न विषयों पर बातचीत कर ज्ञापन सौंपा। परिषद के निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया, प्रशासी पदाधिकारी जयंत मिश्रा ने प्रतिनिधिमंडल में को संज्ञान में लाए गए बिंदुओं पर सकारात्मक सोच के साथ कार्य संपादन करने की बात कही। प्रतिनिमंडल में संयोजक आशुतोष कुमार, सह संयोजक व‍िजय बहादुर स‍िंह एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी अरुण कुमार दास शामिल थे।

इन विषयों पर हुई बातचीत

पीएफएमएस अर्थात नवीन वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन को लेकर एसएमसी के खाते की राशि को प्रत्यावर्तन करने से छात्र हित एवं विद्यालय विकास का बाधित होने एवं बैंक मर्जर के फलस्वरुप कार्य संपादन में विभिन्न प्रकार की होने वाली कठिनाइ से अवगत कराया गया।

पुस्तक मुद्रण एजेंसी का विभाग के साथ एमओयू के अनुसार मुद्रित पुस्तक को विद्यालय तक उपलब्ध कराने की बात कहीं गई थी। हालांकि प्रदेश के लगभग सभी जिलों के बीआरसी अथवा प्रखंड मुख्यालय से ही विद्यालय प्रबंधन को पुस्तक ले जाकर छात्रों के बीच वितरण करने को विवश किया गया। इससे विद्यालय प्रबंधन को अतिरिक्त राशि खर्च करने के साथ दूरस्थ विद्यालयों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस संबंध में विभाग का अभी तक कोई मार्गदर्शन प्राप्त नहीं हुआ है, जिसका प्रभाव पुस्तक वितरण पर पड़ना स्वाभाविक है।

जेसीईआरटी द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे डिजिटल कंटेंट को छात्रों के लिए मनोरंजक एवं रुचिकर बनाने अथवा अधिक से अधिक बच्चों तक डिजिटल कंटेंट का लाभ दिलाने के उद्देश्य से छात्रों की मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा और उर्दू विद्यार्थियों के लिए उर्दू में डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराने का अनुरोध राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने किया है, जिस पर कार्य करने की सहमति निदेशक ने दी है।

कोविड-19 के फलस्वरूप वैश्विक महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग के कर्मियों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर कोरोना वारियर्स के रूप में राज्य के कई शिक्षक कार्य में मुस्तैदी से लगे हुए हैं, जिन्हें राज्य के अन्य कर्मियों की भांति प्रोत्साहन भत्ता के साथ पचास लाख की बीमा करने की घोषणा किए जाने की अपील की गई।

शिक्षक के वेतन का मामला उठाया

प्रतिनिधिमंडल ने वित्त विभाग के संयुक्‍त सचिव को बताया कि पश्चिमी सिंहभूम के शिक्षकों का वेतन निर्धारण छठे पुनरीक्षित वेतन के अनुरूप बंचिंग का लाभ लेते हुए किया गया। इस सत्‍यापन जिला लेखा पदाधिकारी ने किया। इसके बाद 1 जनवरी, 2006 के प्रभाव से वेतन निकासी की जा रही थी। वेतन निर्धारण के 12 वर्ष से भी अधिक अवधि बीत जाने के बाद जिला लेखा शाखा द्वारा बंचिग का लाभ लेने को गलत बताया गया। पुनः बिना बंचिंग के वेतन निर्धारण करने तक मार्च, 2021 से उपायुक्त के आदेश से वेतन स्थगित किया गया है। इस विषय को महासंघ की पश्चिम सिंहभूम जिला इकाई द्वारा स्थानीय विधायक सह मंत्री श्रीमती जोबा मांझी के संज्ञान में लाया गया। मंत्री के हस्तक्षेप से जून तक वेतन निकासी संभव हो सकी। पुनः जुलाई से उक्त शिक्षकों का वेतन कोरोना जैसी प्रतिकूल परिस्थिति में स्थगित किए जाने का आदेश प्रभावी होना शिक्षा एवं शिक्षक हित के प्रतिकूल है।

इस संबंध में महासंघ ने वित विभाग को ज्ञापन सौंपते हुए छठे पुनरीक्षित वेतन निर्धारण को नियमानुकूल बताया। वित विभाग से जिले के उपायुक्त को आवश्यक दिशानिर्देश एवं परामर्श देने का अनुरोध किया है।

उपरोक्त विषयों के अतिरिक्त प्रतिनिधिमंडल से राज्य के शिक्षकों की प्रोन्नति, अंतरजिला स्थानांतरण के साथ जिले में स्थानांतरण पोर्टल पर किए जाने वाले व्यवस्था एवं प्रगति पर विस्तार से बातें की।