चतरा। आम तौर पर पिता की अर्थी को बंधा बेटे देते हैं। उनके नहीं रहने पर पुरुष रिश्तेदार कंधा देते हैं। यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है। हालांकि झारखंड के चतरा जिले में बेटे के रहते बहुओं ने भी ससुर की अर्थी को कंधा दिया।
चतरा जिले के गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय में यह वाक्या हुआ। यहां के 68 वर्षीय राजेंद्र पांडेय की मृत्यु हो गई थी। बीते गुरुवार को उनकी शवयात्रा निकली। उनके शव को दिवंगत राजेंद्र पांडेय की बहुओं पूनम देवी, ललिता देवी, मीनाक्षी देवी और गुड़िया देवी ने कंधा दिया।
बहुओं ने बताया कि उनके ससुर ने हमेशा उन्हें पिता सा प्यार दिया। इस कारण उनकी मौत के बाद उनलोगों ने उनकी अर्थी को कंधा देकर अंतिम विदाई देने का निर्णय लिया। वे ससुर के शव को घर से कंधा देकर कुछ दूर तक ले गई। इसके बाद पुरुषों ने कंधा देकर स्थानीय नदी स्थित श्मशान घाट तक पहुंचाया।
दिवगंत राजेंद्र पांडेय के बड़े पुत्र यदुनंदन पांडेय ने हिन्दू रीति-रिवाज के साथ मुखाग्नि दी। शव यात्रा में पंचायत के मुखिया राजेश कुमार दांगी, पंचायत समिति सदस्य महोदय दांगी, राजू लाल वर्मा, निरंजन कुमार, देवनारायण दांगी, कमलेश कुमार, लक्ष्मण दांगी, शंभू कुमार पांडेय, मुनि पांडेय, संजय दांगी, विकास पांडेय, मनोज पांडेय, बैद्यनाथ दांगी सहित अन्य ग्रामीण शामिल हुए।