कमजोर समझकर महिलाओं को दिया जाता है सॉफ्ट बीट

झारखंड
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  • ‘पत्रकारिता में लैंगिक असमानता’ पर वेबीनार का आयोजन

रांची। झारखंड की राजधानी रांची स्थित गोस्सनर कॉलेज के मास कम्युनिकेशन एवं वीडियो प्रोडक्शन विभाग में ‘पत्रकारिता में अलग-अलग बीट्स के आवंटन में लैंगिक असमानता’ विषय पर वेबीनार का आयोजन 29 जून को किया गया। मुख्य अतिथि रचना प्रियदर्शनी थी। उन्‍होंने कहा कि हार्ड न्यूज के बीट केवल पुरुषों के लिए ही आरक्षित होते हैं। महिलाओं को कमजोर समझकर सॉफ्ट बीट दि‍या जाता है। महिलाओं के साथ भेदभाव किये जाते हैं। चाहे वह रंग रूप का हो या फिर कद काठी का। कई महिलाओं को परिवार से भी सपोर्ट नहीं मिलता है, जिसके कारण उन्हें और समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इस पुरुष प्रधान देश में महिलाओं को अपनी जगह बनाना मुस्किल है। महिलाओं को कमजोर समझा जाता है। हक की बाते करने पर महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। ऑफिस में सही टॉयलेट्स नहीं होना, रेस्टरूम नहीं होना, सबसे बड़ी बात की जॉब की कोई गारंटी नहीं होती। आप कभी भी निकाले जा सकती हो। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कम सैलरी दी जाती हैं। लोगों को ऐसा लगता हैं कि‍ महिलाएं दंगा, मारपीट, क्राइम रिपोर्टिंग, पॉलिटिकल रिपोर्टिंग नहीं कर सकती। ऐसी मानसिकता को लोगो को बदलने की जरूरत हैं।

सेशन के अंत में उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों का जवाब दिया। कहा कि‍ अपने जीवन में प्लान-बी हमेशा रखना चाहिए, क्योंकि प्लान ए अगर नहीं मिले तो जीवन खत्म नहीं हो जाता है। हमें प्लान-बी पर काम करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन सेमेस्टर-5 के छात्र प्रवीण कुमार साहू ने किया। प्रो अनुज कुमार ने धन्यवाद किया। स्वागत प्रो मीना सिन्‍हा ने किया।

इस वेबीनार में कॉलेज की प्राचार्या प्रो इलानी पूर्ति, कॉलेज की वर्षर सह विभागाध्यक्ष प्रो आशा रानी केरकेट्टा, प्रो मीना सिन्हा, प्रो श्रीप्रकाश देवकुलिश, प्रो तेज मुंडू, प्रो निवेदिता डांग, प्रो गोल्डन बिलुंग, प्रो संतोष कुमार और प्रो अनुराग पूर्ति मौजूद थे।