रांची। झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि देश की जीडीपी में किसानों का अहम योगदान है। केंद्र सरकार को चाहिए कि कृषि विकास के लिए राशि का आवंटन समानुपातिक तरीके से सुनिश्चित किया जाए। वह 14 जून को केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ एनएफडीबी के शासी निकाय की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में बोल रहे थे। यह बैठक मछली पालन पशुपालन एवं डेयरी विकास के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में हुई, जहां विभिन्न राज्यों के मंत्री ने भाग लिया।
बादल ने कहा कि देश स्तर पर जीडीपी मत्स्य क्षेत्र में 1.07 फीसदी है। ऐसे मे केंद्रीय आवंटन विभिन्न राज्यों को समानुपातिक तरीके से यदि किया जाए तो जीडीपी में योगदान को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा की नीति आयोग भी यह मान रहा है कि पिछले 4 वर्षों में मत्स्य एक्सपोर्ट में19 फीसदी की गिरावट हुई है। इसे सही करने की आवश्यकता है।
मंत्री ने कहा कि झारखंड में 1741 कोलपिट्स और पत्थर माइंस है, जहां 9880 हेक्टेयर क्षेत्र में पानी का संचयन है। इन क्षेत्रों में मछली उत्पादन को बढ़ाने का काम हमारी सरकार कर रही है। केंद्रीय लेवल पर इन कोल क्षेत्रों में मत्स्य उत्पादन के लिए स्कीम बनाई जाए, जहां राज्य को एजेंसी के रूप में उपयोग किया जाए। 10 जुलाई को राष्ट्रीय फिशरीज डे व्यापक स्तर पर केंद्र और विभिन्न राज्यों में मनाने की भी जरूरत है।
बादल ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह कर कहा कि जोन वाइज बैठक की जाए। आपकी अध्यक्षता में हर 3 महीने या 6 महीने में बैठक सुनिश्चित हो, जिससे समन्वय स्थापित किया जा सके। हैदराबाद में फिशरमैन के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाई जाए, जिसमें सभी राज्यों के मत्स्य पालक वहां प्रशिक्षित होकर अपने-अपने राज्य में मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने में अपना योगदान दें।