रांची। सीसीएल कर्मी 10 करोड़ की गाड़ी से भूमिगत खदान में जाएंगे। काम करेंगे और इसी से वापस लौटेंगे। कंपनी ने कर्मियों की सुविधा और उत्पादन बढ़ाने के लिए दो गाड़ी मंगाई है। डीजीएमएस से अनुमति मिलते ही इसका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा।
इसका नाम मैन राइडिंग व्हीकल है। इसे ऑस्ट्रेलिया से मंगाया गया है। दो गाड़ी की कीमत 20 करोड़ रुपये है। प्रबंधन का मानना है कि मैन राइडिंग व्हीकल के इस्तेमाल से कोयला का उत्पादन बढ़ेगा। समय की भी बचत होगी। काम करने की अवधि भी बचेगी। वर्तमान में खदानों में आने-जाने में ही कर्मियों का काफी वक्त बर्बाद हो जाता है।
जानकारी के मुताबिक सीसीएल की सबसे बड़ी और पायलट प्रोजेक्ट नार्थ कर्णपुरा एरिया की भूमिगत कोयला खदान चूरी में मैन राइडिंग व्हीकल का इस्तेमाल होगा। आस्ट्रेलिया से दो व्हीकल चूरी पहुंच चुका हे। इसकी खरीद कोल इंडिया ने की है। कोलकाता पोर्ट के रास्ते यह व्हीकल चुरी पहुंचा। इसके आते ही देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। चूरी झारखंड का पहला भूमिगत खदान है, जहां मैन राइडिंग व्हीकल का उपयोग होगा।
कोल इंडिया की ईसीएल की झांझरा खदान में तीन मैन राइडिंग व्हीकल का इस्तेमाल पहले से हो रहा है। हर व्हीकल का वजन छह टन है। इसमें ऑपरेटर सहित एक बार में 14 लोग बैठकर खदान के भीतर आ-जा सकते हैं। डीजीएमएस का अनुमति मिलते ही व्हीकल का इस्तेमाल चूरी खदान में भी शुरू हो जायेगा।