व्‍यवसायी का थाना प्रभारी पर बड़ा आरोप, मंथली नहीं देने पर झूठे कांड में भेजा जेल, डीजीपी को भेजा पत्र

झारखंड
Spread the love

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। जिले के व्‍यवसायी उदय कुमार गुप्‍ता ने कुड़ू थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाये हैं। मंथली नहीं देने पर पद का दुरुपयोग कर झूठा आरोप लगाकर जेल भेज देने की बात कही है। उन्‍होंने डीजीपी को पत्र भेजकर उक्‍त थाना प्रभारी पर कार्रवाई करने और व्‍यापारी में हुए घाटे की भरपाई कराने की मांग की है।

कुड़ू थाना के बड़कीचापी निवासी उक्‍त व्‍यवसायी ने कहा है कि तत्कालीन थाना प्रभारी अनिल कुमार तिवारी (कुडू थाना) ने मुझे बुलाया। कहा कि आपका तीन-चार भट्ठा है। पेट्रोल पंप चलता है। आपको मंथली 40 हजार रुपये देना पडे़गा। इसका विरोध उन्‍होंने किया तो थाना प्रभारी ने धमकी भरे लहजे में कहा कि तुम बड़का बिजनेस मैन बनता है, तुमको औकात दिखा देंगे। मेरे रहते तुम्हारा कोई भी बिजनेस चलने नहीं देंगे।

गुप्‍ता ने बताया कि उन्‍होंने पेट्रोल पंप के लिए निरंजन प्रसाद (पिता स्व. बाबुलाल प्रसाद, साकिन बडकी चॉपी थाना कुड़ू) के हिस्से की जमीन लीज पर ली थी। इसमें वर्तमान में पेट्रोल पंप चल रहा है। थाना प्रभारी द्वारा मनगढ़ंत कहानी बनाकर थाना में ही निरंजन के छोटे भाई अमोद अग्रवाल से आवेदन लिखवाया गया। उक्त आवेदन के आधार पर मेरे उपर कुड़ू थाना में विभिन्‍न धारा के तहत कांड (संख्या- 143/2019, दिनांक 07.09.2019) दर्ज किया गया।

व्‍यवसायी ने लिखा है कि कांड दर्ज के बाद वरीय पदाधिकारियों ने गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया। ना ही थाना प्रभारी एवं अनुसंधानकर्ता द्वारा नोटिस के माध्यम से मुझे सूचना दी गयी। किस्को मोड़ के पास से 19 सितंबर, 2019 को थाना प्रभारी एवं अनुसंधानकर्ता द्वारा बुलाकर अपनी गाड़ी में बैठा लिया। कुड़ू थाना ले आये, जहां से मुझे गिरफ्तार कर मेडिकल कराते हुए जेल भेज दिये। जेल भेजने से पहले ना तो इस कांड की वरीय पदाधिकारियों द्वारा जां की गई और ना ही कांड की जानकारी मुझे दी गयी।

गुप्‍ता ने पत्र में लिखा है कि जेल भेजने के समय तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा बोला गया कि मंथली नहीं देने का परिणाम यही होता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि तुम्हारा लाईसेंसी राईफल, भट्ठा, पेट्रोल पंप इत्यादि सबका लाईसेंस कैंसिल करा देंगे। उग्रवादी का सहयोगी बताकर बेल होने नहीं देंगे। उन्‍होंने लिखा है कि एक सामाजिक एवं प्रतिष्ठित व्यवसायी हूं। तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा अपने पद का गलत दुरुपयोग कर षड़यंत्र के तहत झूठा मुकदमा कर बिना वरीय पदाधिकारी की जांच के मुझे जेल भेजा गया। इससे मेरी प्रतिष्ठा एवं बिजनेस, शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक का काफी नुकसान हुआ है।

व्‍यवसायी ने कहा कि उन्‍हें व्‍यापार में लगभग 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। मेरी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। उक्त कांड में अनुसंधानकर्ता पुलिस अधीक्षक द्वारा अपनी जांच में मुझ पर लगाया गया आरोप निराधार, झूठा एवं तथ्यहीन पाया गया। न्यायालय द्वारा भी कांड असत्य पाकर स्वीकृत किया गया।

गुप्‍ता ने डीजीपी से आग्रह किया है कि उनके आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी अनिल कुमार तिवारी के विरुद्ध आवश्यक कारवाई की जाए। व्यवसाय में हुई क्षति की भरपाई तत्कालीन थाना प्रभारी से कराए जाने की मांग की है।