रांची। भाजपा किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर है। प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि किसानों के धान के बकाये का भुगतान नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य में बीते वर्ष धान की अच्छी फसल होने से किसान काफी उत्साहित थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर नवंबर, 2020 में किसानों से धान क्रय का कार्य प्रारंभ हुआ।
हालांकि एक सप्ताह बाद कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और सरकार के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के द्वारा जारी आदेश धान खरीद पर अनावश्यक रोक लगाई गई। इससे किसानों को काफी परेशानी हुई। डॉ उरांव ने गीले धान का कारण बताकर मुख्यमंत्री के आदेश को दरकिनार करते हुए रोक लगाई थी।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस विषय को लेकर जब भाजपा प्रखंड मुख्यालयों में पूरे राज्य में धरना एवं प्रदर्शन की, तब पुनः धान का क्रय प्रारंभ हुआ। किसानों से पूरे धान भी नहीं क्रय किए गए। किसान अपने घरों में धान बोरी में भर के रखे रहे, लेकिन सरकार ने पूरे धान नही खरीदे। किसानों के धान या तो सड़ गए या किसान बिचौलियों के हाथों में औने पौने कीमतों में धान बेचने को मजबूर हुए।
प्रकाश ने कहा कि अभी पूरे राज्य में धान की बुआई एक सप्ताह के अंदर प्रारंभ होने वाली हैं। हालांकि खरीदे हुए धान के बकाये राशि का भुगतान झारखंड सरकार द्वारा अभी तक नही किया गया। कोरोना संकट के बीच किसानों की समस्याओं को भाजपा नजदीक से महसूस कर रही है। एक सशक्त विपक्ष की भूमिका में पार्टी किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसान अब खेतों में काम पर जुटने वाले हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि पूरे राज्य में मंडलवार खेत टांड़ में धरना देकर किसान हित में राज्य सरकार के विरुद्ध आवाज मुखरता से बुलंद करें। राज्य सरकार को मजबूर करें, ताकि किसानों की बकाया राशि का भुगतान अविलंब हो।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व जेएमएम, कांग्रेस और राजद ने जो वादे किसानों के साथ किए थे, इसमें किसानों का 2 लाख तक ऋण माफ करना, मुफ्त में बिजली देना प्रमुखता से शामिल था। सत्ता में आते ही ये वादे भुला दिये गये।
पिछले वर्ष किसान धान खेती के समय यूरिया खाद को ब्लैक में लेने को मजबूर हुए थे। उन्होंने सरकार को सचेत किया कि इस बार किसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करे।