रांची। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की बरसी को भारतीय जनता पार्टी काला दिवस और आपातकाल विरोध दिवस के रूप में मनाएगी। उक्त बातें पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी ने 22 जून को प्रदेश कार्यालय में प्रेस से कही। उन्होंने कहा कि 47 वर्ष पूर्व इंदिरा गांधी ने सत्ता लोलुपता में देश पर आपातकाल थोप दिया था।
तानाशाही रवैया अपनाते हुए प्रेस पर सेंसरशिप, विपक्षी नेताओं को जेल और नागरिक अधिकारों को समाप्त कर मनमानी की। मौलिक अधिकारों को कुंद कर दिया गया। लोकतंत्र बहाल करने के आंदोलन के कारण अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी समेत कई विपक्षी नेताओं को यातनाएं सहनी पड़ी। भारतीय जनसंघ के सर्वाधिक कार्यकर्ताओं को जेल की सलाखों के भीतर 19 महीने काटना पड़ा।
गोस्वामी ने कहा कि कांग्रेस और उससे निकले दल में आज भी आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। देश की अधिकतर पार्टी परिवार तक में सिमट चुकी है। देश की अधिकतर पार्टियों वंशवाद, कुसंस्कृति और असहिष्णुता की परिचायक बन चुकी है। पश्चिम बंगाल में भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न कर दी गई है। लोकतंत्र के समर्थक भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ अत्याचार हो रहा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र के प्रति आस्था रखती हैं।
लोकतंत्र की हत्या और इंदिरा की तानाशाही रवैया व आपातकाल के खिलाफ 25 जून को भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में काला दिवस व आपातकाल विरोध दिवस के रूप में मनाएगी। आपातकाल विरोध दिवस पर प्रदेश कार्यालय में आपातकाल के खिलाफ व लोकतंत्र बहाल करने के आंदोलन में शामिल नेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
प्रदेश कार्यालय समेत जिला कार्यालय में भी वर्चुअल माध्यम से व कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मौके पर वरिष्ठ नेता डॉ सूर्यमणि सिंह, मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा उपस्थित थे।