दुमका। जांच में वीडियो फर्जी पाया गया। अब इसे वायरल करने वाले व्यक्ति और समूह के खिलाफ कार्रवाई होगी। पुलिस प्रशासन इसकी तैयारी कर रहा है। प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि किसी भी तरह का मैसेज और वीडियो फॉरवर्ड करने से पहले उसकी सच्चाई जान लें। बिना सोचे समझे किसी मैसेज को फारवर्ड नहीं करे।
जानकारी हो कि 16 मई, 2021 को विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में एक वीडियो वायरल किया गया था। इसमें दावा किया गया था यह वीडियो दुमका का है। यहां स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान दवा लेने जा रहे लोगों की लाठी से जमकर पिटाई की गई। पिटाई करने वाले अफसर ने खुद मास्क नहीं पहना था। इस वीडियो को लेकर लोग पुलिस प्रशासन की जमकर आलोचना कर रहे थे।
वीडियो वायरल होने के बाद इसकी जांच पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) द्वारा की गई। जांच में यह वीडियो दुमका के पुलिस-प्रशासन से संबंधित नहीं पाया गया।
अफसरों का कहना है कि जिला पुलिस प्रशासन द्वारा आपदा के इस समय में किये जा रहे कार्यों को धूमिल करने के उद्देश्य से किसी अन्य जिले के वीडियो को संलग्न कर वायरल किया गया। दुमका पुलिस प्रशासन की छवि को नकारात्मक ढंग से बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। जांच में नकारात्मक वीडियो प्रसारित करने वाले व्यक्ति अथवा समूह को चिह्नित कर विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है।
दुमका पुलिस प्रशासन आम जनता के अपील करती है कि इस प्रकार के भ्रामक और बेबुनियाद वीडियो द्वारा कोई भी नकारात्मक छवि नहीं बनाएं। जिला पुलिस प्रशासन आपदा की इस घड़ी में आपकी सेवा में सदैव तत्पर हैं।