जाना था जापान, पहुंच गये चीन, समझ गये ना

झारखंड
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रांची। वर्ष 1958 में एक फिल्म आई थी ‘चलती का नाम गाड़ी।’ इसका एक गाना ‘जाते थे जापान, पहुंच गये चीन, समझ गये ना’ काफी चर्चित हुआ था। कुछ इसी तरह का वाक्या झारखंड की राजधानी रांची में हुआ। पुलिस की छानबीन में इसका खुलासा हुआ।

झारखंड की राजधानी रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र स्थित मेकन स्टेडियम में बैडमिंटन खेल रहे पांच बच्चों के रविवार को गायब होने की सूचना आई। खबर थी कि सभी बच्चे को एक ऑटो में बैठा कर ले जाया जा रहा था। इसी दौरान ऑटो में सवार आरोपी ने बेडो थाना के पास पुलिस चेकिंग देखकर सभी बच्चे को ऑटो से उतार कर फरार हो गए। सभी बच्चे नींद की हालत में पाए गए। पुलिस ने जब बच्चे से पूछताछ की तो वह कुछ बताने में असमर्थ थे। उन्हे नहीं पता कैसे वे सभी ऑटो में बैठे हैं।

इस घटना के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई। जांच में अपहरण की बात गलत पाई गई। डोरंडा थाना प्रभारी रमेश कुमार सिंह ने बताया कि घरवालों की डांट से बचने के लिए बच्चों ने मनगढ़ंत कहानी रची। बच्चे घर से पैसे लेकर अपनी मर्जी से रातू स्थित फन कैसल पार्क जाने निकले थे। गलती से दूसरे ऑटो में बैठकर बेड़ो पहुंच गये। ऑटो से उतरने के बाद बच्चों ने आसपास के दुकानदारों से उस स्थान के बारे में पूछा। एक दुकानदार ने उन्हें बताया कि वे बेड़ो में है।

इसके बाद आसपास के लोगों ने बेड़ो थाना में संपर्क कर बच्चों को उनके हवाले किया। फिर बेड़ो थाना ने डोरंडा थाना को संपर्क कर बच्चों को सौंप दिया। वहां से बच्चों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया। इन बच्चों में तीन लड़की और दो लड़के शामिल थे। सभी नाबालिग हैं। इनकी उम्र 10 से 12 के बीच है।