एक से दूसरे राज्‍य में ट्रांसफर होने पर वाहनों के री-रजिस्‍ट्रेशन की नहीं पड़ेगी जरूरत

देश नई दिल्ली
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नई‍ दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र, केंद्रीय और राज्‍य सरकार के कर्मि‍यों एवं 5 से ज्‍यादा राज्‍यों में कार्यालय वाली प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों की बड़ी समस्‍या का समाधान कर दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक से दूसरे राज्‍य में शिफ्ट होने वाले कर्मचारियों को वाहनों के पुनर्पंजीकरण की प्रक्रिया से छुटकारा दिलाने और इससे जुड़े नियमों को सरल बनाने के लिए नई व्‍यवस्‍था की मसौदा अधिसूचना जारी की है। इसमें नए व्हीकल रजिस्‍ट्रेशन सिस्टम का प्रस्ताव रखा गया है।

IN series के इस्‍तेमाल का प्रस्‍ताव

मंत्रालय ने ऐसे वाहनों के लिए IN series का प्रावधान किया गया है। फिलहाल यह व्‍यवस्‍था पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर प्रयोग किया जाएगा। इसके तहत एक राज्‍य से दूसरे राज्‍यों में ट्रांसफर वाले कर्मचारियों के वाहनों के रजिस्‍ट्रेशन में IN series के इस्‍तेमाल का प्रस्ताव किया गया है। ऐसे वाहनों से मोटर व्हीकल टैक्स 2 साल के लिए या 2 साल के मल्‍टीप्‍लीकेशन में लिया जाएगा। इस व्यवस्था के लागू होने पर लोग बिना किसी झंझट के आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्यों में अपने वाहनों को चला सकेंगे। ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को आम लोगों, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से टिप्पणी लेने के लिए अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डाला है।

री-रजिस्‍ट्रेशन के लिए 12 महीने का वक्‍त

मंत्रालय ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन का पूरा ब्‍योरा वेबसाइट पर डाला है। इस पर सभी लोगों को 30 दिन में टिप्पणियां देनी होंगी। हर साल बड़ी संख्या में सरकारी और निजी कर्मचारियों का तबादला होता है। इससे गाड़ियों का री-रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। फिलहाल मोटर व्हीकल अधिनियम, 1988 की धारा-47 के तहत दूसरे राज्यों में वाहनों के इस्तेमाल पर रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर करना पड़ता है। इसके लिए 12 महीने का वक्त दिया जाता है। ऐसे लोगों को सबसे पहले जहां गाड़ी पंजीकृत है, वहां से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना पड़ता है। इसके बाद नए राज्य में रोड टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। फिर जहां गाड़ी सबसे पहले रजिस्टर्ड हुई थी, वहां रोड टैक्स रिफंड के लिए आवेदन देना पड़ता है।