देश में 3 करोड़ राशन कार्ड रद्द होने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

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  • भूख से मौत होने का दावा करने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस
  • सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, ये मसला काफी गंभीर 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश में तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द होने के कारण राशन के अभाव में भूख से मौत का दावा करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ये मसला काफी गंभीर है।

याचिका झारखंड की कोईली देवी ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि आधार से लिंक न हो पाने के चलते राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। इनमें ज़्यादा संख्या आदिवासी, गरीब और ग्रामीण लोगों की है। राशन के अभाव में कई लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड केंद्रीय स्तर पर निरस्त किए गए हैं। हर राज्य में औसतन 10 से 15 लाख आधार कार्ड निरस्त किए गए हैं। आदिवासी इलाकों में फिंगर प्रिंट और आंख स्कैन करने वाली मशीन काम नहीं करती है। 

सुनवाई के दौरान एएसजी अमन लेखी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत शिकायत निवारण का प्रावधान है। अगर आधार कार्ड नहीं है तो दूसरे वैकल्पिक दस्तावेज सौंपे जा सकते हैं। तब चीफ जस्टिस ने अमन लेखी से कहा कि ये गंभीर मसला है।याचिकाकर्ता कोईली देवी की 11 साल की बेटी संतोषी कुमारी की मौत 28 सितंबर, 2017 को कथित रूप से भूख से हो गई। कोईली देवी के परिवार को चार दिन तक इसलिए राशन नहीं मिला, क्योंकि उसका राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं किया गया था।