नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल को आज स्वदेशी आईसीजी शिप ‘सजग’ के रूप में एक नया पहरेदार मिल गया।प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्म निर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप निर्मित किये गए भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) अपतटीय गश्ती पोत को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शनिवार को डिजिटल माध्यम से समुद्री हितों की रक्षा के लिए राष्ट्र को समर्पित किया। यह पोत पांच अपतटीय गश्ती जहाजों की श्रृंखला में तीसरा है, जो प्रधानमंत्री के विजन ‘मेक इन इंडिया’ के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ का बेहतरीन उदाहरण है। इसे जीएसएल गोवा ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया है।
कमीशनिंग समारोह में एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का गठन किये जाने की पहल 1971 के युद्ध के बाद की गई, जब यह महसूस किया गया कि भूमि सीमाओं की ही तरह समुद्री सीमाएं भी महत्वपूर्ण हैं। बहु आयामी तटरक्षक बल के ढांचे की परिकल्पना दूरदर्शी रुस्तमजी समिति ने की और संयुक्त राष्ट्र में समुद्र के कानूनों के सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) में इस पर चर्चा की गई। इसके बाद आईसीजी का गठन 1978 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से किया गया। इस संगठन ने पिछले चार दशकों में एक लंबी यात्रा तय की है।
एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि अत्याधुनिक मशीनरी, नवीनतम प्रौद्योगिकी सेंसर और उपकरणों से लैस यह जहाज भारतीय तटरक्षक बल के लिए अब तक के गश्ती जहाजों में से सबसे उन्नत और आधुनिक है। उन्होंने समुद्री सशस्त्र बलों के लिए स्वदेशी रूप से विकसित जहाजों के लिए गोवा शिपयार्ड की सराहना की, जो आईसीजी को हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) के भीतर और बाहर कर्तव्यों के विभिन्न चार्टर को पूरा करने में सक्षम बनाएगा। सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ के विजन के अनुरूप निजी यार्ड सहित विभिन्न शिपयार्डों में देश के भीतर आईसीजी के जहाजों का निर्माण किया जा रहा है। एनएसए आईसीजी के गश्ती जहाज ‘सजग’ को देखकर प्रभावित हुए जो कमीशनिंग समारोह के दौरान शानदार दिख रहा था।
डोभाल ने तटीय आबादी की सुरक्षा के साथ-साथ चक्रवातों के दौरान बचाव कार्यों, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और नार्को विरोधी अभियानों जैसी विविध भूमिकाएं निभाने के लिए तटरक्षक बल की सराहना की। उन्होंने कहा कि हाल ही में आए चक्रवाती तूफानों ताउते और यास के दौरान भारतीय तटरक्षक बल ने समुद्र में बहुमूल्य जीवन बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भरोसा जताया कि तटरक्षक बल लगभग 7500 किमी. लम्बे भारतीय समुद्र तट की रक्षा करेगा।
तटरक्षकों की सराहना करते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि यह सेवा भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में किसी भी चुनौती के लिए तैयार होगी क्योंकि आने वाले वर्षों में आईसीजी के पास अधिक जिम्मेदारियां होंगी। आईसीजी के महानिदेशक के. नटराजन ने एनएसए को कोलंबो के पास कंटेनर पोत एक्स-प्रेस पर्ल में लगी आग को बुझाने में भारतीय तटरक्षक के चल रहे अग्निशमन अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लगभग 160 जहाजों और 62 विमानों के साथ आईसीजी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तट रक्षक है। रक्षा मंत्रालय आईसीजी को 200 जहाजों और 100 विमानों के साथ दुनिया के प्रीमियम तट रक्षकों में से एक बनाने के लिए प्रयास कर रहा है। समारोह में रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और गोवा शिपयार्ड के सीएमडी कमोडोर बीबी नागपाल (सेवानिवृत्त) भी शामिल थे।
स्वदेशी आईसीजी शिप ‘सजग’ की खासियत
यह पोत 40/60 बोफोर्स तोप और एफसीएस के साथ दो 12.7 मिमी एसआरसीजी तोपों से लैस है। जहाज में एक इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम, पावर मैनेजमेंट सिस्टम और हाई पावर एक्सटर्नल फायर फाइटिंग सिस्टम लगाये गए हैं। पूरी तरह भारत में बने इस जहाज को एक जुड़वां इंजन वाले हेलीकॉप्टर और चार उच्च गति वाली नौकाओं को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें बोर्डिंग ऑपरेशन, खोज और बचाव, कानून प्रवर्तन और समुद्री गश्त के लिए दो हवा से फूलने वाली नावें शामिल हैं। यह जहाज समुद्र में तेल रिसाव रोकने के लिए प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में भी सक्षम है।
जहाज में दो 9100 किलोवाट डीजल इंजन लगे हैं जिससे जहाज को 26 समुद्री मील की अधिकतम गति से संचालित किया जा सकता है। जहाज को लगभग 2350 टन वजन के साथ किफायती गति से 6000 समुद्री मील की दूरी तक ले जाया सकता है। जहाज में लगे आधुनिक उपकरण और प्रणाली इसे एक कमांड प्लेटफॉर्म की भूमिका निभाने और तटरक्षक चार्टर को पूरा करने में सक्षम बनाती है। तटरक्षक बेड़े में शामिल होने पर आईसीजी शिप ‘सजग’ पोरबंदर पर तैनात होगा। जहाज की कमान उप महानिरीक्षक संजय नेगी को सौंपी गई है और चालक दल में 12 अधिकारियों समेत 99 नौसैनिक होंगे।