मुंबई। बेहद विषम परिस्थितियों के बीच भारतीय नौसेना के जवानों ने अरब सागर में फंसे से दो जहाजों से कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। रातभर चले राहत और बचाव कार्य में बार्ज पी-305 से 146 कर्मचारियों को सकुशल बाहर निकाला गया। रेस्क्यू ऑपरेशन आज दिन में भी जारी रहेगा। अरब सागर में उठे ताउते तूफान में कल मुंबई के समुद्र में दो जहाज बह गए थे।
इन दोनों जहाजों को भारतीय नौसेना ने सोमवार की देर शाम ही ढूंढ निकाला और जहाजों में फंसे 410 कर्मियों को बचाने का कार्य शुरू कर दिया। नेवी ने विश्वास जताया है कि क्रू मेंबर सहित सभी कर्मियों को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा। नेवी से मिली जानकारी के अनुसार दोनों जहाजों के लापता होने की जानकारी मिलते ही जंगी जहाज आईएनएस कोच्ची और आईएनएस कोलकाता को मदद के लिए रवाना कर दिया गया। दोनों जहाजों की लोकेशन का पता लगा लिया गया।
समुद्र में तेज हलचल के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आई। लेकिन विषम परिस्थितियों में भी नेवी के जवानों ने बहादुरी के साथ कर्मियों का बचाव कार्य शुरू कर दिया। मुंबई के करीब समुद्र में बांबे हाई के पास तेल खनन के काम में लगे दो बार्ज तौकते तूफान के तेज प्रवाह में फंस गए थे। ‘पी-305’ और ‘गैल कंस्ट्रक्टर’ नामक दोनों बार्ज ऐंकर नहीं डाले जाने के कारण तूफान के तेज प्रवाह में बह गए। इन जहाजों का दूसरी जहाजों से टकराने का भी खतरा बना हुआ था।
इन जहाजों में इंजीनियर और श्रमिक सवार थे। ‘गैल कंस्ट्रक्टर’ में 137 और ‘पी-305’ में 273 लोग सवार थे। गैल कंस्ट्रक्टर को मुंबई के 15 किलोमीटर के अंतराल पर पाया गया जबकि पी-305 समुद्र में 70 किलोमीटर की दूरी पर पाया गया। गैल कंस्ट्रक्टर की स्थिति ठीक है। गैल कंस्ट्रक्टर की सहायता के लिए नेवी के युद्धपोत ‘वाटर लिली’, दो सहायक पोत और सीजीएस सम्राट आसपास के क्षेत्र में हैं। पी-305 की स्थिति विकट थी।
पी-305 के बचाव के लिए आईएनएस कोच्चि पहुंच चुका था, बाद में आईएनएस कोलकाता को भी बजाव कार्य के लिए वहां भेजा गया। बेहद चुनौतीपूर्ण समुद्री परिस्थितियों में कुल 146 लोगों को आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता, सपोर्ट वेसल (ओएसवी), ग्रेटशिप अहिल्या और ओएसवी ओशन एनर्जी द्वारा बचाया गया। मौसम की स्थिति के आधार पर राहत और बचाव कार्य के लिए भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर और विमान भी तैनात किए गए हैं।