वन विभाग के नाम पर अनुसूचित जाति के लोगों से की जा रही पैसे की वसूली

झारखंड
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  • पैसा समय पर नहीं देने पर कई पर किया गया केस

विवेक चौबे

गढ़वा। वन विभाग के नाम पर अनुसूचित जाति के लोगों पैसे की वसूली की जा रही है। पैसा नहीं देने पर केस भी किया जा रहा है। इससे लोग भयभीत हैं। यह मामला जिले के कांडी प्रखंडी क्षेत्र अंतर्गत सबुआं गांव की है।

उक्त गांव के पासवान टोला के लोगों से वन विभाग के नाम पर दूसरे गांव के लोगों द्वारा पैसे की वसूली किये जाने की बात सामने आई है। पासवान टोला के कई  लोगों ने बताया कि 1994 में उनलोगों ने खेत की रजिस्ट्री कराई थी। उक्त जमीन पर सरकार द्वारा मिट्टी का आवास रहने के लिए बनवाया गया था। 6 माह पूर्व मापी कर बताया गया कि यह जमीन वन विभाग की है।

स्‍थानीय निवासियों के मुताबिक खुद वन समिति का अध्यक्ष और सचिव बता कर सननी गांव निवासी बिंदा तातो व शीला देवी द्वारा हर माह कोई ना कोई बहाना बनाकर प्रत्येक घर से पैसे की वसूली की जा रही है। पैसा समय पर नहीं देने पर केस करने की धमकी दी जाती है। यहां के निवासी शंकर राम ने कहा कि पूर्व में मिले प्रधानमंत्री आवास निर्माण में 25 हजार रुपये की मांग की गई, जिसमें 10 हजार रुपये कर्ज लेकर दिया। रामानंद पासवान से 25 हजार रुपये मांगा गया, जिसमें 15 हजार रुपये बिंदा तातो को दिया। इसी तरह कई अन्य ने भी बिंदा पर पैसा लेने का आरोप लगाया है।

नरेश पासवान के खेत में सिरिस का पेड़ गिरा था। बाबू खुटहेरिया गांव निवासी जगदीश सिंह ने दो हजार रुपये लिये। कुछ भूमिहीनों पैसा देना बंद कर देने पर या गया तो कुछ लोगों पर वन विभाग की ओर से केस करा दिया गया। कई लोगों से पैसे लेकर भी मुकदमा भी कर दिया गया।

यह मामला प्रकाश में तब आया, जब बिंदा तातो और शीला देवी रविवार की सुबह में पेड़ में फले आम को तोड़कर ले जाने के लिए देखने आए। शाम को बिंदा तातो आम ले जाने के लिए पहुंचा। इसी क्रम में पासवान टोला के लोगों ने आम तोड़ने का विरोध करते हुए उसका घेराव किया। आरोप है कि आवास में पैसा लेकर वन विभाग के नाम पर घर ढालने दिया गया। फिर मनोज पासवान, शंकर पासवान, यदुनंदन पासवान, रामानंद पासवान पर केस कर दिया गया।

स्‍थानीय लोगों ने कहा कि अपने घर के सामने वन विभाग की जमीन पर आम का पेड़ लगाया। सींचकर संरक्षण में बड़ा कर फलने के योग्य बनाया। आम फलने के बाद प्रत्येक वर्ष उक्त लोगों द्वारा धमकी देकर आम तोड़कर ले जाया जाता है। इसका पासवान टोला के लोगों ने विरोध किया। सभी ने कहा कि आखिर कब तक हम गरीब अनुसूचित वर्ग के लोगों से अवैध पैसे की वसूली की जाती रहेगी।

इस विषय पूछने पर बिंदा तांतो ने पैसा लेने के आरोप को गलत और बेबुनियाद बताया। जगदीश सिंह ने स्वीकार करते हुए कहा कि नरेश पासवान से 2 हजार रुपये लिया हूं। इसे फारेस्ट गार्ड हेमंत पांडेय को दिया हूं।