निजी स्‍कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक संघ का चरणबद्ध आंदोलन शुरू

झारखंड
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रांची। निजी स्‍कूलों की मनमानी के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ का चरणबद्ध 26 मई से शुरू हुआ। आंदोलन के पहले दिन राजधानी रांची सहित राज्य के लगभग सभी जिलों में संघ के सदस्‍यों ने वर्चुअल धरना दिया। इसके माध्यम से अभिभावकों ने अपनी मांगें प्ले कार्ड में लिखे स्लोगन के साथ रखी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि राज्य के विभिन्न निजी स्कूल सरकार के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। इस कोरोना काल में विभिन्न तरह का शुल्क वसूल रहे हैं। इसका संघ विरोध कर रहा है। चरणबद्ध आंदोलन का दूसरा कार्यक्रम 28 मई को है। इस दिन काला दिवस मनाते हुए प्रातः 11 बजे से 12 बजे तक फेसबुक, टि्वटर, यूट्यूब लाइव के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

वर्चुअल धरना में झारखंड नव निर्माण समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार का आदेश को नहीं मानकर मनमानी करने वाले स्कूलों की संबद्धता खत्म होनी चाहिए। धरना का यह कार्यक्रम जूम एप के माध्यम से चला। इसमें काफी सख्या में अभिभावकों ने भाग लेकर अपनी बातें रखी।

कार्यक्रम में कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय, महेन्दर राय, रामदीन कुमार, कवलजीत सिंह, आभा वर्मा, रजनीश श्रीवास्तव, डॉ पुष्‍पा श्रीवास्तव, कुणाल सिंह, दीपक शर्मा, अभय पांडेय, राजेश कुमार, आलोक गेरा, अजय कुमार पंकज (लोहरदगा), रेवतीनन्दन चौधरी (दुमका), रविशंकर राय, ,संजीव दत्ता, बरुन सिंह, मुकेशधर दुबे, आशीष कुमार, पंकज तिवारी, आरती कुमारी, पदमिनी कुमारी, विद्यकर कुंवर, वंशी यादव, पारुल राज, शबरी बेगम, विकास सिन्हा, मनोज सिन्हा, निरंजन कुमार, राकेश कुमार, कृपा कुमार, अजय पोद्दार, प्रियंका सिंह, अंजली कुमारी, कृष्ण कुमार, अनसुइया सिंह सहित अन्य अभिभावक शामिल हुए।

ये हैं मांगें

सभी निजी विद्यालय झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 को लागू करे।

झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (माध्यमिक शिक्षा निदेशालय) द्वारा 25 मई, 2020 को जारी आदेश को लागू करे।

सीबीएसई, आईसीएसई, राज्य बोर्ड द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस को विद्यालय की वेबसाइट  पर अपलोड करें।

कोई भी विद्यालय फीस के चलते बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं करें।

अपने ही विद्यालय के छात्रों का क्लास ग्यारहवीं में अथवा किसी कक्षा में री एडमिशन बंद करें। उनसे वर्तमान सत्र में ली गई राशि वापस की जाए।