- स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह एक सप्ताह बढ़ाने पर जताई सहमति
- गांवों में चलेगा 10 दिनों का ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट ड्राइव
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवासीय कार्यालय से वेबिनार के जरिए राज्य के सभी मंत्रियों के साथ कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति, रोकथाम एवं नियंत्रण और आगे की रणनीति कैसी हो, इससे संबंधित तैयारियों को लेकर 24 मई को विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से गुजर रहे हैं। संक्रमण की दूसरी लहर काफी घातक साबित हुआ है। हम सभी ने कई परिचित, सगे संबंधी और रिश्तेदारों को खोया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के लोगों की सहनशीलता इस बात का परिचायक है कि कोई भी मुसीबत हो हम घबराते नहीं, बल्कि चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर का आभास पहले से था, परंतु देश में लॉकडाउन को लेकर असमंजस की स्थिति रही। अंततः राज्यों ने अपने स्तर पर निर्णय लेते हुए लॉकडाउन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 24 अप्रैल, 2021 से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का निर्णय लिया। यह काफी प्रभावी और सकारात्मक साबित हो रहा है।
राज्यवासियों को संक्रमण से बचाना सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की 75% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में वास करती है। राज्य सरकार की चिंता जीवन और जीविका दोनों की रही है। यही कारण है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को तीन बार बढ़ाया गया, किंतु प्रत्येक बार आम लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णयों में फेरबदल किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान अंतर्राज्यीय मूवमेंट तो बंद किया ही साथ ही साथ इंटर डिस्ट्रिक्ट मोमेंट पर भी ई-पास की व्यवस्था बनाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि झारखंड के 24 जिलों में 23 जिले किसी न किसी राज्य के बॉर्डर क्षेत्र पर हैं। इसलिए थोड़ी कड़ाई आवश्यक थी। आज हम यह कह सकते हैं कि राज्य अच्छे निर्णयों के साथ आगे बढ़ रहा है। हम संक्रमण दर को 50% से ज्यादा कम करने में सफल हुए हैं। राज्यवासियों को संक्रमण से बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। हम कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारी में लगे हैं। राज्य सरकार तीसरी लहर को नियंत्रित करने निमित्त विशेषज्ञों और विशेषज्ञ शिशु रोग चिकित्सकों के सुझाव के साथ आगे की कार्य योजना बना रही है।
वैक्सीन की कमी को दूर करने का हो रहा प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में राज्य के सभी मंत्रियों द्वारा मिले सुझावों के अनुरूप ही आगे का निर्णय सरकार लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी के सुझावों पर ध्यान रखते हुए राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में कल से ही मेडिकल किट और आवश्यक दवाइयां पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी की चिंता जायज है कि वैक्सीनेशन कार्य में तेजी आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 40 लाख वैक्सीन ही उपलब्ध हुए हैं। राज्य सरकार इस निमित्त लगातार केंद्र के साथ समन्वय स्थापित किया है। अपने स्तर से अधिक मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो इसके लिए प्रयासरत है।
सभी के सहयोग से हालात पर काबू पाया गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 35 दिन पहले पूरे राज्य में अफरा-तफरी के हालात थे। शहर में चारों ओर एंबुलेंस के सायरन की आवाजें गूंजती थी, परंतु राज्य सरकार एवं आप सभी के सहयोग से हालात पर काबू पाया गया। आज स्थिति नियंत्रण में दिख रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के साथ-साथ अब राज्य सरकार का पूरा फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में है। ग्राम स्तर पर सर्वे एवं जांच प्रोटोकॉल योजना की शुरुआत की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत 10 दिनों का ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट ड्राइव चलाया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक पहुंचकर जांच और उपचार सुनिश्चित करेंगे। इन 10 दिनों के फीडबैक के बाद राज्य सरकार आगे की कार्य योजना बनाएगी।
पंचायत स्तर पर सेंटर बनाया जा रहा है, जहां ऑक्सीजन और जांच किट एवं आवश्यक दवाइयां उपलब्ध रहेंगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि वैक्सीनेशन से पहले लोगों का स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित हो तथा जो स्वस्थ हैं उनका ही वैक्सीनेशन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के हर दूसरे घर में कोविड किट उपलब्ध कराएगी। प्रत्येक प्रखंड में 2 एंबुलेंस संक्रमित मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए सुनिश्चित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूर भारी संख्या में वापस लौट रहे हैं, उन्हें ग्रामीण स्तर पर जांच करने की व्यवस्था दुरुस्त की गई है।
ऑक्सीजन युक्त अस्पताल बनाने का निर्णय
सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी जिला और प्रमंडल अस्पतालों को ऑक्सीजन युक्त अस्पताल बनाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। राज्य सरकार की आयुष विभाग ने भी कोरोना किट के माध्यम से दवाइयां उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। हम संक्रमण को काबू कर पाने में सक्षम हो रहे हैं। राज्य में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी हुई है यह एक सुखद अनुभव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी लोग एक साथ मिलकर कार्य करेंगे और इस जंग को निश्चित रूप से जीतेंगे।
सभी मंत्रियों ने अपनी-अपनी बातें और सुझाव रखीं
ग्रामीण विकास विभाग एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक प्रयास से स्थिति नियंत्रण में दिख रही है। दूसरे राज्यों से आने वाले शत प्रतिशत श्रमिकों की आरटीपीसीआर जांच सुनिश्चित की जाएगी तब ही ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की दर घटेगी। उन्होंने लॉकडाउन में ई-पास निर्गत किए जाने वाले कार्य को सराहनीय बताया। ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले भीड़ पर अंकुश लगाने का सुझाव दिया। मंत्री ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को एक सप्ताह बढ़ाए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में उपचार के जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाने की बात कही।
योजना सह वित्त एवं खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अच्छे कार्य हुए हैं। परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी और मुस्तैदी से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शादी विवाह में होने वाले भीड़ पर चिंता व्यक्त की। किस प्रकार नियंत्रित किया जाए इस पर विचार करने की बात कही। मंत्री ने सरकार द्वारा किसानों के धान खरीद को लेकर सुझाव दिए। ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन पर टारगेट फिक्स किए जाने तथा राज्य में फिजियोथैरेपी चिकित्सा की व्यवस्था कराए जाने की बात कही।
श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि चतरा जिले में स्थिति नियंत्रण में है। जिला प्रशासन द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है। जिले में डॉक्टर तथा मेडिकल स्टाफ बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक कर रहा हूं। उन्होंने राज्य सरकार से जिले में एंबुलेंस बढ़ाए जाने की बात कही। मंत्री ने मुख्यमंत्री के कार्यों को सराहा तथा आभार व्यक्त किया।
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि जिले में कोरोना की वजह से हुई अफरातफरी के माहौल से निजात मिली है। आदित्यपुर और जमशेदपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या में भारी कमी आई है। उन्होंने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को और आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जीविका तथा जीवन दोनों का ख्याल रखते हुए निर्णय ले रही है। मंत्री श्री चंपई सोरेन ने संभावित कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर की व्यवस्था तथा कल्याण विभाग के सभी अस्पतालों को बेहतर तरीके से संचालित किए जाने की बात कही। उन्होंने वैक्सीनेशन कार्य के लिए प्रचार-प्रसार किए जाने की बात कही।
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग कि मंत्री श्रीमती जोबा मांझी ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहा। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में अब सर्दी -खांसी जैसी बीमारियों पर भी नियंत्रण दिख रहा है। उन्होंने जिलों में रिक्त पदों को भरने को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष बातें रखीं। मंत्री श्रीमती जोबा मांझी ने कहा कि 18 वर्ष से ऊपर वाले लोगों के वैक्सीनेशन कार्य में तेजी लाने की जरूरत है। नेटवर्क नहीं रहने के कारण रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है इस पर विचार करने की जरूरत है।
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रतिबद्धता से किए जा रहे कार्यों के बदौलत राज्य विकट परिस्थितियों से निकल रहा है। उन्होंने कहा कि ई पास की जटिलताओं को थोड़ा सरल करने की आवश्यकता है। प्रेस-मीडिया तथा विभिन्न कंपनियों में कार्यरत लोगों को संस्थाओं द्वारा निर्गत पास को ही ई-पास का दर्जा दिया जाए। मंत्री ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किए जाने की बात कही। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन कार्य को सरल और सुगम बनाए जाने की बात कही। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को बढ़ाए जाने पर उन्होंने सहमति जताई।
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किसानों के फसलों पर उचित मूल्य नहीं मिल पाने पर चिंता जताई। उन्होंने फूड प्रोसेसिंग तथा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने संभावित आगामी 25 मई से 28 मई तक चक्रवाती तूफान से होने वाले संभावित नुकसान के संदर्भ में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। 25 से 28 मई तक पूर्ण लॉकडाउन किए जाने पर विचार करने की बात कही। मंत्री ने एफसीआई द्वारा चतरा, गढ़वा तथा पलामू जिले में लक्ष्य से कम धान क्रय किए जाने को लेकर चिंता जताई तथा मुख्यमंत्री से इस पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया। उन्होंने वैक्सीनेशन कार्य में कम्युनिटी लीडर को शामिल किए जाने की बात रखी। बादल ने नेपाल से मजदूरों को वापस लाने के कार्य को सकारात्मक पहल बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री से खाद्य तथा बीज वितरण में कार्यरत वैसे लोग जो अभी कोरोना संक्रमण की ड्यूटी में लगे हैं। उन्हें मुक्त किए जाने पर विचार किए जाने की बात कही।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने सीमित संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए राज्य सरकार को सराहा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से अब निजात मिलती दिख रही है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशनों पर ही कड़ाई से जांच सुनिश्चित किए जाने की बात कही। मंत्री ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को 1 सप्ताह बढ़ाए जाने को लेकर सहमति जताई। उन्होंने राज्य के सभी प्रमंडलों में कोबास आरटीपीसीआर मशीन की व्यवस्था करने की बात कही। मंत्री ने संभावित कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों में चाइल्ड केयर वार्ड बनाने के कार्य में गति लाने की बात कही। उन्होंने एफसीआई के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि एफसीआई तानाशाही रवैया अपना रहा है। धान क्रय केंद्रों पर किसानों के धान बिखरे पड़े हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री हफीजुल अंसारी ने कहा कि मनरेगा के तहत कुआं खुदाई का भुगतान जल्द करने की दिशा में कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहां कि राज्य सरकार रोजगार ओरिएंटेड कार्यक्रम चलाए। उन्होंने कोरोना संक्रमण से मृत लोगों के परिवारों को विधायक फंड से सहायतार्थ राशि देने की बात कही। मंत्री ने हजारीबाग में हुए सिलेंडर चोरी मामले में एक विशेष समुदाय को टारगेट किए जाने की बात कही तथा राज्य सरकार से इस पर संज्ञान लेने की बात भी कही। उन्होंने कोविड-19 का पालन करते हुए टेंडर निकाल कर सड़क पुलिया निर्माण कार्य में तेजी लाने निमित्त राज्य सरकार से अनुरोध किया।
वेबिनार में मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे और एनआरएचएम के अभियान निदेशक रवि शंकर शुक्ला सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।