लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नदियों में कोई भी शव बहाने पर योगी सरकार ने जुर्माना ठोकने का निर्देश जारी कर दिया है। सभी नदियों में एसडीआरएफ व पीएसी की टीमें नाव पर सवार होकर पेट्रोलिंग करेंगी। यह जानकारी शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने दी।
हाल के दिनों में यहां की नदियों में सैकड़ों शव बहाने के मामले आने के बाद योगी सरकार हरकत में आ गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सामान्य के अलावा कोविड मरीजों के भी शव नदी में बहाये गए हैं। नदियों में शवों के देखने के बाद सरकार ने कहा है कि यदि आवश्यक हो तो स्थानीय स्तर पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
बता दें कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में शवों को जलाया नहीं जाता, वहां जल प्रवाह (जल समाधि) की परम्परा है। लेकिन इन्हें भी अब इसे रोकना होगा। सरकार का मानना है कि यह जल और मनुष्य दोनों के लिए हानिकारक है। सरकार का कहना है कि नदी में शव अथवा मरे हुए जानवर बहाने से नदी प्रदूषित होती है एवं प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार नदियों को साफ करने के लिए विशेष कार्यक्रम भी चला रही है।
नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने इस सम्बंध में गृह विभाग, नगर विकास विभाग को ग्राम विकास एवं पंचायत विभाग तथा पर्यावरण विभाग को मिलकर कार्य योजना बनाने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में परम्परा के नाते जो शव इत्यादि बहाए जा रहे हैं वो किसी भी दशा में न बहाए जाएं।
सहगल ने बताया कि प्रदेश में नदियों के किनारे स्थित सभी गांवों तथा शहरों में ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान तथा शहरों में कार्यकारी अधिकारी व नगर पालिका/नगर पंचायत/नगर निगम के अध्यक्षों के माध्यम से समितियां बनाकर सुनिश्चित करें कि उनके गाँंव तथा शहर में से कोई भी व्यक्ति परम्परा के नाते नदियों में शव न बहाए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जिसकी मृत्यु हुई है, उसे सम्मानजनक रूप से अंत्येष्टि का अधिकार है और प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में ही प्रत्येक नागरिक को सम्मानपूर्वक अंत्येष्टि के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है। ऐसे में यदि परम्परागत रूप से भी जल-समाधि हो रही है अथवा कोई लावारिस छोड़ रहा है तो भी उसकी सम्मानजनक तरीके से धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कराकर किसी भी दशा में किसी को भी धार्मिक परम्पराओं के नाते नदी में शव न बहाने दिया जाए।