- वर्चुअल माध्यम से केवीके संस्थानों की समीक्षा बैठक का आयोजन
रांची I बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन जिलों में कार्यरत 16 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) की वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की गई। मौके पर कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कोरोनाकाल को देखते हुए सभी केवीके वैज्ञानिकों को डिजिटल मोड में विषयवार ट्रेनिंग मैटेरियल को तैयार करने का निर्देश दिया। ट्रेनिंग में किसानों को आय बढ़ाने की तकनीकों को प्राथमिकता देने को कहा। साथ ही किसानों को कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक करने की बात कही।
निदेशालय प्रसार शिक्षा द्वारा आयोजित इस बैठक में केवीके की कृषि से सबंधित प्रसार गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा की गयी। डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ जगरनाथ उरांव ने वैज्ञानिकों को आगामी खरीफ एक्सटेंशन प्रोग्राम के तहत इनपुट का अग्रिम व्यवस्था एवं ऑन फार्म ट्रायल, फ्रंट लाइन डेमोंसट्रेशन, बायोटेक किसान हब व धान बीजोत्पादन कार्यक्रमों में लाभुकों का चयन व विस्तृत सूची बनाने को कहा। साथ ही बिरसा बीज उत्पादन कार्यक्रम में बिरसा किसान को चिन्हित और चयन को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। एक्सपर्ट एवं नाहेप कंसलटेंट डॉ केएस रिसम ने केवीके प्रोग्राम में रिसोर्स पुअर फार्मर्स के लिए अधिक आय बढ़ाने एवं आजीविका व पोषण सुरक्षा के गतिविधियों को प्राथमिकता एवं शामिल करने की सलाह दी।

एडिशनल डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ एस कर्मकार ने कोविड-19 की परिस्थिति को देखते हुए ऑनलाइन एवं वर्चुअल माध्यम से ट्रेनिंग प्रग्राम और किसान गोष्ठी का आयोजन, खरीफ खेती कार्य आधारित लघु डीजिटल कोर्स मैटेरियल एवं केवीके द्वारा चलाये गये ऑन फार्म ट्रायल, फ्रंट लाइन डेमोंसट्रेशन एवं बायोटेक किसान हब कार्यक्रमों से जुड़े किसानों की सफल कहानी का चयन करने और प्रसारित करने का सुझाव दिया।
मौके पर निदेशालय प्रसार शिक्षा एवं कृषि विज्ञान केंद्रों को आईसीएआर से प्राप्त निधि एवं व्यय पर चर्चा और आकलन किया गया। बीएयू नियंत्रक अशोक पाठक ने केंद्रों को जल्द अंकेक्षण प्रतिवेदन एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र भेजने और कोविड-19 के मद्देनजर सहयोग की बात कही।
कार्यक्रम का संचालन डॉ पंकज सेठ एवं स्मिता स्वेता ने किया। बैठक में वरीय वैज्ञानिक व प्रधान डॉ अशोक कुमार, डॉ श्रीकांत सिंह, डॉ अरविन्द मिश्रा, केवीके प्रभारी डॉ रंजय कुमार सिंह, डॉ प्रमोद रॉय, डॉ अमृत झा, डॉ ललित दास, डॉ अजय कुमार द्रिवेदी, डॉ शंकर कुमार सिंह, डॉ उदय कुमार, डॉ देवकांत कुमार, डॉ राजीव कुमार, डॉ सुषमा सुरीन, डॉ गोदरा मार्डी एवं डॉ संजीव सिंह ने भाग लिया।