नई दिल्ली। सीबीएसई 12वीं परीक्षाओं को लेकर अंतिम फैसला करने को लेकर चल रही तैयारियों के बीच 300 छात्रों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना को पत्र लिखकर कर परीक्षाएं रुकवाने की मांग की है।
छात्रों ने अपने पत्र में लिखा कि कोरोना महामारी के बीच सीबीएसई की ओर से भौतिक रूप (ऑफलाइन) से परीक्षाएं कराने के फैसले पर रोक लगाई जाए। छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश से यह भी मांग की वह केंद्र सरकार को इस संबंध में निर्देश दे कि वैकल्पिक असेसमेंट योजना उपलब्ध कराई जाए।
छात्रों ने पत्र में लिखा है कि ऐसी महामारी के दौर में भौतिक रूप से परीक्षाएं कराना न सिर्फ अन्यायपूर्ण है बल्कि यह अव्यवहारिक कदम भी है। यदि भौतक रूप से परीक्षाएं कराई गई तो इससे लाखों छात्रों, पैरेंट्स, शिक्षकों और सपोर्टिंग स्टाफ के जीवन, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर खतरा पैदा होगा। छात्रों ने 25 मई को देश में आए कोरोना मामलों की संख्या का हवाला देते हुए कहा है कि अब तक कई छात्र, अभिभावक और शिक्षक इस महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में जब कोरोना मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है तो घर के अंदर रहना ही एक विकल्प बचा है।
परीक्षाओं के स्थगित होने से छात्रों के दिमाग में अनिश्चितता का भाव पैदा हुआ है। इससे छात्र आगे बढ़ने की बजाए पिछड़ गए हैं। उल्लेखनीय है कि देशभर में सीबीएसई 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या 14 लाख 30 हजार से भी अधिक है। वहीं सभी स्टेट बोर्डों के छात्रों को मिला लिया जाए तो कुल परीक्षार्थी 1.5 करोड़ हैं।