- ऑनलाइन व्यवस्था के तहत अनुमति देंगे इंसीडेंट कमांडर
- वेब पोर्टल swaraksha.nic.in के माध्यम से अनुमति मिलेगी
रांची। ऐसे कोरोना पॉजिटिव मरीज, जो होम आइसोलेशन में रहना चाहते हैं, उनकी सतत निगरानी, अनुश्रवण एवं चिकित्सकीय परामर्श के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं एनआईसी द्वारा स्वरक्षा वेब पोर्टल बनाया गया है।
जो भी कोविड पॉजिटिव मरीज एसिंप्टोमैटिक हैं अथवा बिना लक्षण वाले कोविड-19 व्यक्ति इस पोर्टल पर अपना मोबाइल नंबर और एसआरएफ आइडी के माध्यम से रजिस्टर करा सकते हैं। जरूरी सूचनाएं उपलब्ध कराते हुए होम आइसोलेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आइसोलेशन के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा निर्णय लिया जाना है। सभी इंसीडेंट कमांडर्स को पोर्टल पर उपलब्ध आवेदन का नियमानुसार एवं ससमय निष्पादित करेंगे। एसओपी के आलोक में होम आइसोलेटेड व्यक्तियों का सतत अनुश्रवण और पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
ये है रजिस्ट्रेशन पूरी प्रक्रिया
बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने के लिए अब ऑनलाइन अनुमति दी जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए एनआइसी के सहयोग से एक पोर्टल swaraksha.nic.in तैयार किया है। होम आइसोलेशन में रहने को इच्छुक बिना लक्षण वाले मरीजों को जिला प्रशासन से इसकी अनुमति लेने के लिए इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। कोरोना मरीज इस पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर और एसआरएफ आइडी (जांच के समय दी जानेवाली आइडी) के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के क्रम में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अपना विवरण, बीमारी का विवरण, घर पर होम आइसोलेशन की आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराते हुए होम आइसोलेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें सैंपल कलेक्शन की तिथि, रिपोर्ट आने की तिथि आदि की भी जानकारी देनी होगी। संक्रमित व्यक्ति यदि किसी अन्य बीमारी से ग्रसित है, तो उसका विवरण भी उपलब्ध कराना होगा। साथ ही परिवार के सदस्यों की संख्या, 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले सदस्यों की संख्या, 10 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या इत्यादि संबंधी विवरण भी देना होगा। इसके बाद जिला प्रशासन होम आइसोलेशन की अनुमति देने के संबंध में निर्णय लेगा।
जिला प्रशासन देगा प्रमाणपत्र
होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति मिलने के बाद जिला प्रशासन इसका प्रमाणपत्र भी देगा जिसे मरीज पोर्टल से डाउनलोड कर सकेंगे। होम आइसोलेशन में रहने पर मरीजों से प्रतिदिन कॉल कर उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी ली जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग का कोई पदाधिकारी या स्वास्थ्य कर्मी सप्ताह तक कम से कम दो बार मरीज के घर में विजिट करेंगे।