नवजात जुड़वा बच्चियों को दूसरों को देने के मामले में बाल संरक्षण विभाग रेस

झारखंड
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प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। एक दंपति द्वारा अपने नवजात जुड़वा बच्चियों को दूसरे को दे देने के मामले में बाल संरक्षण विभाग रेस हो गया है। मंगलवार को विभाग की बेरमो शाखा की टीम की सदस्य निहारिका गौतम एवं शादिक अंसारी पीड़ित के घर पहुंचे। मामले की जांच की। विभाग की टीम ने बिहार के पटना ले जा रहे दंपति से बोकारो में एक बच्‍चा को रेस्क्यू भी किया। चंडीपुर की एक दंपति द्वारा गोद ली गई दूसरी बच्ची को जल्द रेस्क्यू कर लेने की बात कही।

इस संबंध में बेरमो शाखा के पदाधिकारी शशिकांत सिंह ने बताया कि शिशुओं को गोद लेने और देने की प्रक्रिया कानूनन होनी चाहिए। इसके लिए पीड़ित परिवार को विभागीय स्तर पर मदद भी की जायेगी।

मालूम हो कि बीते शनिवार को गोमिया के साड़म पश्चिमी पंचायत स्थित केवट टोला निवासी मयन केवट एवं उसकी पत्नी शांति देवी ने गरीबी से परेशान होकर अपने एक दिन की नवजात जुड़वा बच्चियों को दूसरे के हवाले कर दिया था। नवजात के पिता मयन केवट ने कहा था कि दिहाड़ी मजदूर है। उसकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। वे किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर पाते हैं। ऐसे में जुड़वा बच्चियों की परवरिश अच्छे से कर पाना उसके वश में नहीं है। मजबूर होकर बच्चियों को दूसरे के हाथों में सौंपना पड़ा।