दुमका। झारखंड की उपराजधानी स्थित विख्यात बाबा बासुकीनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा पर रोक लगा दी गई है। अब श्रद्धालु अरघा सिस्टम से ही पूजा कर सकेंगे। ऑनलाईन निबंधित श्रद्धालुओं को ही मंदिर परिसर में सामाजिक दूरी के साथ प्रवेश करने की अनुमति दी जायेगी। नई व्यवस्था 2 अप्रैल से अगले आदेश तक लागू कर दी गई है।
कोविड-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए बासुकीनाथ मंदिर में अगले आदेश तक के लिए अरघा व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसके तहत सीमित संख्या में श्रद्धालु पूजा और दर्शन कर सकेंगे। ऑनलाईन निबंधित श्रद्धालुओं को ही मंदिर परिसर में सामाजिक दूरी के साथ प्रवेश करने की अनुमति दी जायेगी। उपायुक्त राजेश्वंरी बी ने मंदिर परिसर में कोविड-19 सैंपल जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया है।
ये है शर्तें
प्रतिदिन अधिकतम 1000 की संख्या में ही श्रद्धालुओं को मंदिर आकर अरघा के माध्यम से बाबा को जल चढ़ाने की अनुमति होगी।
प्रातः 6 बजे से अप 2 बजे तक ही श्रद्धालुओं को अरघा के माध्यम से जल चढ़ाने की अनुमति होगी।
किसी भी परिस्थिति में श्रद्धालुओं को स्पर्श पूजा की अनुमति नहीं होगी।
60 वर्ष से अधिक उम्र की कोई भी पुरुष/महिला और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
हृदय रोग, किडनी प्रत्यार्पण, सांस की बीमारी और उच्च मधुमेह (डाइबिटिज) जैसे रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। खांसी, बुखार और उच्च तापमान के लक्ष्ण पाये जाने वाले व्यक्तियों को भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
बाबा बासुकीनाथ मंदिर में दर्शन पूजा केतु केवल Online-pass/Token Pass के माध्यम से ही प्रवेश की अनुमति होगी।
कोविड-19 के संदर्भ में MHA, GoI और राज्य सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन करना अनिवार्य होगा।
कोविड-19 के संदर्भ में दिये गये दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होने की स्थिति में और कोविड-19 के संक्रमण बढ़ने की स्थिति में श्रद्धालुओं को दी जा रही व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से स्थगित की जा सकती है।