शिक्षकों के वेतन के लिए 25.32 अरब जारी, शर्तें लागू

झारखंड शिक्षा
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रांची। शिक्षकों के वेतन के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने 25.32 अरब रुपये से अधिक का आवंटन किया है। झारखंड के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को इससे भुगतान होगा। इसे लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने उपायुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है। वेतन भुगतान में कुछ शर्तें भी लगाई गई है।

आवंटन आदेश में लिखा गया है कि राजकीय प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के स्थापना व्यय के लिए 25,32,42,52,000 रुपये आवंटित की जाती है। यह आवंटन वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए है। राशि के व्यय के लिए वित्त विभाग की शर्तों के अधीन संबंधित ईकाईयों के विरुद्ध राशि नियमानुसार व्यय करने के लिए उपावंटित की जा सकती है।

स्रोत पर आयकर, व्यवसायिक कर कटौती निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी सुनिश्चित करें। अद्यतन आयकर अधिनियम के प्रावधान का पालन हो। ससमय रिटर्न दाखिल किया जाय। इस संबंध में राज्य सरकार के कर्मी पर लागू परिपत्र स्वतः प्रभावी होंगे।

ये हैं वेतन भुगतान की शर्तें

वित्तीय वर्ष 2020-21 और इसके पूर्व का बकाया वेतन के भुगतान के संबंध में संतुष्ट होकर ही भुगतान किया जाय। हालांकि 15 नवंबर, 2000 के पूर्व के बकाया वेतन का भुगतान इस राशि से नहीं किया जाय।

यह लगातार पाया गया है कि विभिन्न जिलों में अनुमान्यता से अधिक वेतन और भत्ते (यथाः मकान किराया भत्ता आदि) का भुगतान किया जाता है। कालांतर में उसकी वसूली का प्रयास किया जाता है, जिससे न्यायिक वाद उत्पन्न होते हैं। अनुमान्यता से अधिक भुगतान की गई राशि की पूर्ण वसूली संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी अर्थात जिला शिक्षा अधीक्षक से की जाएगी।

अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र पर अंकित अग्रिम का सामंजन करेंगे। अनापत्ति प्रमाण पत्र अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र पूर्ण संतुष्ट होने के उपरांत निर्गत करेंगे।

विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं के लिए उपलब्ध कराई गई असामंजित अग्रिम राशि की वसूली नियमित वेतन से की जाय। सेवानिवृति लाभ से उक्त राशि की कटौती में आ रही कठिनाईयों के आलोक में अग्रिम की वसूली प्राथमिकता के आधार पर किया जाय।

सरकार द्वारा आवास अग्रिम/मोटर कार अग्रिम/किसी अन्य प्रकार की अग्रिम इत्यादि दी गयी हो या अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र पर अंकित हो, उसकी वसूली लागू परिपत्र व नियमों के आलोक में की जाय। वित्त नियमावली का पालन किया जाय।

सरकारी आवास में रहने वालों से भवन निर्माण विभाग के परिपत्रों के अनुरूप लाइसेंस फी की कटौती कर जमा की जाय।

बकाया वेतन भुगतान पर भी कर्मी के वर्तमान में नियमित वेतन पर निर्धारित दर के अनुरूप ही आयकर की कटौती की जाय।

रोकड़ पंजी का नियमित रूप से अद्यतनीकरण किया जायेगा।

सेवानिवृत्त लाभों का सक्षम स्तर से स्वीकृति के बाद प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन किया जाय।

आयकर कटौती में लापरवाही के फलस्वरूप किसी प्रकार के दंड अधिरोपों के विरूद्ध निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेवार होंगे।

महालेखाकार एवं वित्त विभाग के अंकेक्षण आपत्तियों का ससमय पालन सुनिश्चित किया जायेगा।

अंकेक्षण में अंकित वसूलनीय राशि की वसूली कर संबंधित शीर्ष में जमा किया जायेगा।

राशि की निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी संबंधित जिला शिक्षा अधीक्षक अथवा उनके निस्तराधीन निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी होंगे।

राशि की निकासी संबंधित कोषागार/उप-कोषागार से की जायेगी।