नई दिल्ली। संसद ने बुधवार को वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट को अपनी मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने वित्त विधेयक पर चर्चा कर इसे लोकसभा को लौटा दिया। इसी के साथ केंद्रीय बजट को पारित करने की प्रक्रिया आज पूरी हो गई। लोकसभा में गत मंगलवार को संशोधित वित्त विधेयक को मंजूरी दी गई थी। इसके पहले सदन ने विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को व विनियोग विधेयक को स्वीकृति दी थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद सरकार ने प्रत्यक्ष करों और आयकर में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। सरकार ने वित्त विधेयक में कुछ संशोधन शामिल किए हैं, जिनका उद्देश्य कारोबार को सुगम बनाना है। आगे उन्होंने कहा कि वित्त विधेयक में संशोधन के जरिए सरकार ने भारतीयों की मौजूदगी वाली विदेशी ई-वाणिज्य कंपनियों पर दो प्रतिशत की लेवी (कर) समाप्त कर दी है। एक अन्य संशोधन के द्वारा भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज पर कर निर्धारण की सीमा बढ़ा दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार मुद्रा स्फीति की दर को काबू में रखने का हर संभव प्रयास करेगी। किसी भी हालत में मुद्रा स्फीति को छह प्रतिशत से अधिक नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण कर्ज की डूबी राशि (एनपीए) में कमी आई है।