विधानसभा सत्र में विधायक ने उठाया शिक्षकों की वरीयता निर्धारण का मामला

झारखंड
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रांची। झारखंड विधानसभा सत्र में विधायक ने विद्यालयों में नियुक्त अप्रशिक्षित शिक्षकों की वरीयता निर्धारण करने का मामला उठाया है। विधायक ने इस संबंध में एक मार्च को विधानसभा सचिव को पत्र लिखा है। इसमें शिक्षा विभाग के पत्र के आलोक में कार्रवाई करने की मांग की गई है।

महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने झारखंड विधान-सभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली के तहत चलते सत्र में निवेदन की सूचना दी है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष 1987,1988, 1994 और 1999-2000 में राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालयों में नियुक्त अप्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति की तिथि से ग्रेड-1 प्रदान करना है। नियुक्ति की तिथि के आधार पर उनकी पारस्परिक वरीयता निर्धारण करना है। इससे संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में विधि विभाग से मंतव्य और झारखंड कैबिनेट के अनुमोदन के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने संकल्प (संख्या 3027, दिनांक 14 दिसंबर, 2015) जारी किया।

संकल्प के आलोक में नियुक्ति की तिथि से ग्रेड-1 की आपसी वरीयता निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद जिला के पदाधिकारी सरकार के आदेश का पालन नहीं कर रहे है। वरीयता निर्धारण की कार्रवाई लंबित रहने के कारण राज्यभर के शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं।

विधायक ने विभाग के संकल्प के आलोक में नियुक्ति की तिथि से ग्रेड-1 की आपसी वरीयता निर्धारित करने से संबंधित संकल्प पत्र निर्गत होने की तिथि से लागू करते हुए सरकार के आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए सरकार से निवेदन कि‍या है।