नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्रहवीं लोक सभा का पांचवा सत्र 29 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के अभिभाषण के साथ आरम्भ हुआ था। इस सत्र में वित्त विधेयक-2021, विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगें व विनियोग विधेयक, बीमा (संशोधन) विधेयक-2021 समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। अन्य सत्रों की भांति बजट सत्र में भी रिकॉर्ड कामकाज हुआ। सत्र के दौरान लोकसभा की 24 बैठकें हुई, जो 132 घंटे तक चलीं । इस सत्र के दौरान सभा की उत्पादकता 114 प्रतिशत रही। इस बजट सत्र में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए लोकसभा 48 घंटे और 23 मिनट देर तक बैठी।
लोकसभा में 01 फरवरी को पेश किये गए केन्द्रीय बजट पर 14 घंटे और 42 मिनट तक चर्चा हुई। इसमे कुल 146 सदस्यों ने भाग लिया। वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुदान मांगों प भी सदन में चर्चा की गई। इस चर्चा में कुल 21 घंटे और 43 मिनट का समय लगा । वर्ष 2021-22 के लिए केन्द्रीय बजट के संबंध में शेष सभी मंत्रालयों की बकाया अनुदानों की मांगों को 17 मार्च, 2021 को सभा की स्वीकृति के लिए एक साथ रखा गया और उन्हें स्वीकृत करने के बाद संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया।
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, बजट सत्र के दौरान सरकारी विधेयकों पर विस्तृत चर्चा हुई । सत्र के दौरान 17 सरकारी विधेयक पुनःस्थापित किए गए तथा कुल मिलाकर 18 विधेयक पारित हुए। इसमें मध्यस्थ और सुलह (संशोधन) विधेयक-2021, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक-2021, संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक-2021, बीमा (संशोधन) विधेयक-2021, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक-2021, नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक-2021, वित्त विधेयक-2021 तथा राष्ट्रीय सहबद्ध और स्वास्थ्य देख- रेख वृत्ति आयोग विधेयक-2021, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2021 प्रमुख रूप से शामिल हैं।
इस सत्र के दौरान संसदीय समितियों ने बजट सत्र में वित्तीय और अन्य मामलों पर महत्वपूर्ण संस्तुतियां दी और 163 प्रतिवेदन सदन के पटल पर पेश किए गए। सत्र के दौरान 84 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए । प्रश्न काल के पश्चात तथा सायं देर तक बैठकर सदस्यों ने कुल 583 अविलंबनीय लोक महत्व के मामले उठाए। इसके साथ ही सदस्यों ने नियम 377 के अधीन कुल 405 मामले उठाए। विभिन्न मंत्रियों द्वारा निदेश 73ए के अन्तर्गत कुल 48 वक्तव्य और 4 स्वस्फूर्त वक्तव्य दिए गए। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकारी कार्य के संबंध में भी 3 वक्तव्य दिए। इस सत्र के दौरान संबंधित मंत्रियों द्वारा 3 हजार, 591 पत्रों को सभा पटल पर रखा गया। लोकसभा में 08 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभा में महिला सशक्तिकरण के संबंध में नियम 193 के अधीन अल्पकालिक चर्चा हुई। एक अनूठी पहल करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संसद भवन परिसर में महिला सांसदों और महिला पत्रकारों के साथ मुलाकात की ।