नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कोरिया गणराज्य के रक्षा मंत्री (आरओके) सुह वुक ने शुक्रवार को रक्षा सहयोग पर द्विपक्षीय वार्ता की। भारत और कोरियाई सेना के बीच रक्षा और सुरक्षा सम्बन्ध पिछले कुछ वर्षों में तेजी से मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच हुई वार्ता में लंबे समय से चली आ रही द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए परस्पर रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोरिया गणराज्य के रक्षा मंत्री सुह वुक के साथ उत्कृष्ट विचार-विमर्श हुआ। हमने भारत और आरओके के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
राजनाथ सिंह और सुह वुक ने स्वीकार किया कि द्विपक्षीय रक्षा सहयोग ने त्रि-सेवा के साथ-साथ रक्षा प्रौद्योगिकी और उद्योग से संबंधित एजेंसियों के पैमाने और दायरे में काफी विस्तार किया है। दोनों मंत्रियों ने रक्षा और सुरक्षा कार्यों के साथ-साथ दोनों राष्ट्रों के सशस्त्र बलों द्वारा किए गए सर्वोत्तम अभ्यासों पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रतिनिधिमंडल के बीच द्विपक्षीय सैनिक सहयोग और अन्य क्षेत्रीय, वैश्विक मामलों पर भी बातचीत हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड महामारी रोकने के प्रयासों में आरओके के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने इस क्षेत्र में और इससे आगे स्थायी शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय पहल के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की। रक्षा मंत्री ने अपने समकक्ष के साथ बातचीत के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ाने के लिए यह बैठक अगले स्तर तक ले जाने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन देगी। दोनों मंत्रियों ने इस बात पर संतोष जताया कि दोनों देश विभिन्न स्तरों पर संवाद बनाए रखने के लिए आभासी माध्यमों से जुड़े रहेंगे, क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान आमने-सामने की बैठकें तेजी से चुनौती बन गई हैं।
कोरियाई दल के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल करमबीर सिंह, चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल एमएम नरवाना, सेक्रेटरी (डिफेंस प्रोडक्शन) राज कुमार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी शामिल रहे। इससे पहले राजनाथ सिंह और सुह वुक ने आज सुबह दिल्ली छावनी में भारत-कोरिया मैत्री पार्क का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। यह मैत्री पार्क 1950-53 में कोरियाई युद्ध के दौरान भारतीय शांति सैनिकों के दिए गए योगदान की स्मृति में बनाया गया है। दोनों मंत्रियों ने इस मौके पर एक-एक पौधा लगाया। सुह वुक ने इस अवसर पर कोरियाई युद्ध दिग्गज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव अनिल मल्होत्रा को सम्मानित किया।