रांची। भारत में फाइलेरिया के उन्मूलन और कालाजार को 2021 तक खत्म करने के लक्ष्य को लेकर 3 मार्च से रांची में उच्चस्तरीय बैठक की शुरुआत हुई। समीक्षा बैठक का नेतृत्व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के वरिष्ठ अधिकारियों ने संयुक्त रूप से किया। तीन दिवसीय इस समीक्षा बैठक में झारखंड और बिहार में उन्मूलन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा का आकलन कर कालाजार, फाइलेरिया और मलेरिया को खत्म करने के लिए एक व्यापक जिला और ब्लॉक स्तर की कार्य योजना तैयार की जायेगी।
समीक्षा बैठक का उद्घाटन झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ स्वास्थ्य सचिव कमल किशोर सोन, और राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ शेष नारायण झा ने संयुक्त रूप से किया। फाइलेरिया और कालाजार को समाप्त करने की झारखंड की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वेक्टर जनित बीमारियों को खत्म करने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। जिस प्रकार पोलियो के खिलाफ हमने सफलता प्राप्त की, उसी प्रकार राज्य मशीनरी युद्धस्तर पर इन बीमारियों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समीक्षा बैठक अंतराल और आवश्यक सिफारिशों को पूरा कर यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य 2021 तक उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर ले।
एंडेमिक गांवों में कालाजार को खत्म करने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए), रुग्ण प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम सेवाओं (एमएमडीपी) सहित ब्लॉक स्तर पर फाइलेरिया उन्मूलन गतिविधियों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही, कुष्ठ मामलों को समय पर पहचान कर उनका इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सचिव ने सामूहिक प्रयासों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि वे वेक्टर जनित बीमारियों से सबसे अधिक बचाव करें। संबद्ध विभाग, स्व-सहायता समूह, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता, स्वयंसेवक और विकास सहयोगियों के प्रयासों से हमें लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
मौके पर झारखंड और बिहार के लिए राज्य कार्यक्रम अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी, एंडेमिक जिलों के सलाहकार, डब्ल्यूएचओ, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रैटजीज, पाथ, केयर और क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिशिएटिव (चाई) सहित अन्य वीबीडी भागीदार उपस्थिति थे। बैठक के अगले दो दिनों तक वीवीडी कार्य योजना के विकास पर सक्रिय रूप से विचार-विमर्श किया जायेगा।