-सीएसआईआर की सभी 38 प्रयोगशालाओं में मिशन के तहत पुष्प उत्पादन किया जाएगा
नई दिल्ली। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के पुष्प उत्पादन मिशन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुष्प परंपरागत कृषि उत्पादों से पांच गुना ज्यादा लाभ देते हैं और साथ ही इनसे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है।
दिल्ली में आयोजित मिशन का शुभारंभ करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि विभिन्न प्रकार के पुष्पों के समृद्ध उत्पादन के बावजूद भारत का वैश्विक फ्लोरिकल्चर मार्केट में हिस्सा महज 0.6 प्रतिशत है। वर्ष-2018 में भारत का पुष्प उत्पादन बाजार 15,700 करोड़ रुपये था और इसके 2024 में बढ़कर 47,200 करोड़ रुपये होने उम्मीद है। कई राज्यों जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल में पुष्प उत्पादन व्यावसायिक स्तर पर किया जा रहा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस मिशन से किसानों की मदद करने का महत्वकांक्षी सपना साकार हो रहा है। हमें इसकी उपयोगिता सिद्ध करके इसे बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाना है। विभिन्न देशों से भारत में प्रति वर्ष 1200 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का पुष्प आयात किया जा रहा है। किसानों की आय बढ़ाने, आयात के स्थान पर स्वदेशी उत्पादन करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सीएसआईआर ने पुष्प उत्पादन मिशन की कल्पना की थी। इसे फिलहाल 22 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में पुष्प उत्पादन से जुड़ी कई किस्में हैं, जिनकी देश और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग है। मांग बढ़ने से पुष्प उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
उन्होंने बताया कि फूलों की बिक्री से 30,577 लाख रुपये की अनुमानित आय का सृजन होगा। पुष्प उत्पादन में पुष्पों की 40 से अधिक किस्में हैं। आकर्षक फूलों की श्रेणी में देश में 55 किस्मों पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर की सभी 38 प्रयोगशालाओं में उपलब्ध खाली भूमि पर पुष्प उत्पादन किया जाए। ऐसा करने से न केवल सुंदरता बढ़ेगी अपितु रोजगार और आमदनी के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इन प्रयोगशालाओं की पुष्प उत्पादन के क्षेत्र में प्रतियोगिता भी आयोजित की जा सकती है।
इस अवसर पर सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र, ट्राइफेड के महा-प्रबंधक अमित भटनागर, राष्ट्रीय जीव विज्ञान अनुसंधान संस्थान के डॉ. एस.के. बारिक मौजूद थे और सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के निदेशक वर्चुअल रूप से उपस्थित थे।