जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय का लिपिक निलंबित, जानें वजह

झारखंड शिक्षा
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रांची। झारखंड के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के एक लिपिक को निलंबित कर दिया। उनपर काम में लापरवाही बरतने और कर्मचारी को वित्तीय लाभ पहुंचाने का आरोप प्रथम दृष्टया सही पाया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने की मंजूरी भी दी गई है। इसका आदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह ने जारी कर दिया है।

सिमडेगा के जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के तत्कालीन प्रभारी लिपिक दिवाकर कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। वर्तमान में वे रांची जिला शिक्षा पदाधि‍कारी कार्यालय में पदस्थापित थे। उनके खिलाफ काम में लापरवाही बरतने और कर्मचारी को वित्तीरय लाभ पहुंचाने का आरोप प्रथम दृष्टया सही पाया गया है।

इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि रामचंद्र साहु एवं अन्य बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के मामले में 22 जून 2018 को पारित न्यायादेश के विरुद्ध एलपीए दायर करने के लिए लगभग 20 माह के बाद ग्राउंड ऑफ अपील उपलब्ध कराये जाने के प्रकरण में विभागीय कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने और वादीगण को वित्तीय लाभ पहुंचाने के लिए किये गये कृत्य से परिलक्षित प्रथम दृष्‍टया प्रमाणित आरोपों के लिए श्री सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

निलंबन अवधि में श्री सिंह का मुख्यालय हजारीबाग स्थित जिला अधीक्षक कार्यालय निर्धारित किया गया है। वहां उन्हें नियम के अनुसार विवरणी के आधार पर जीवन निर्वहन भत्ता देय होगा।

क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल को उनके विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर झारखंड सरकारी सेवक नियमावली के प्रावधानों के तहत विभागीय कार्यवाही शुरू कर अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए साक्ष्य प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।