बच्‍चों की पढ़ाई हो रही बाधित, ग्रामीणों ने लिया ये निर्णय

झारखंड
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खूंटी। झारखंड का खूंटी जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बच्‍चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। विकास के काम भी बाधित हैं। यह हाल जिले के दक्षिणी अड़की और प्रस्तावित प्रखंड बिरबांकी के मुख्यालय के आसपास के इलाकों का भी है। दरअसल यहां मोबाईल और इंटनेट की कनेक्टिविटी नहीं है। इसके कारण ग्रामीण परेशान हैं। लोग सूचनाओं से वंचित हैं। मोबाईल और इंटनेट की मांग वे वर्षों से करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी बातें अब तक नहीं सुनी गई। इसे लेकर गुरूवार को बिरबांकी और उसके सभी 12 टोलों के ग्रामीणों की संयुक्त ग्रामसभा की बैठक हुई। इसमें ग्रामीणों ने बिरबांकी में सभी मोबाईल कंपनियों के टावर लगाने की मांग की। ग्रामसभा ने घोषणा की है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया। मोबाईल का टावर नहीं लगा, तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।

हजारों बच्चे एक साल तक शिक्षा से रहे दूर

ग्रामसभा में सबन समद ने कहा कि इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं रहने के कारण बिरबांकी समेत दक्षिणी अड़की की सात पंचायतों के हजारों बच्चे एक साल तक शिक्षा से दूर रहे। शहरों के बच्चों की पढ़ाई में लॉकडाउन के दौरान ऑनलाईन हुई। हालांकि गांवों के बच्चे शिक्षा से दूर रहे। ग्रामसभा सरकार से मोबाईल और इंटरनेट कनेक्टिविटी की मांग करती है, अन्यथा हजारों ग्रामीण एक साथ आंदोलन का रास्ता अपनाऐंगे।

स्कूल, अस्पताल, पुलिस कैंप हैं, इंटरनेट नहीं

मुखिया जवरा मुंडा ने कहा कि उनकी पंचायत बिरबांकी और बोहोंडा पंचायत के कुरूंगा में सीआरपीएफ और पुलिस कैंप है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। बिरबांकी सात पंचायतों का मुख्यालय और मुख्य बाजार है। दर्जनों स्कूल हैं। हालांकि यहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है। बीएसएनएल का टावर है, जिससे इंटरनेट काम नहीं करता है। मोबाईल पर भी काफी मुश्किल से कट-कट कर बात हो पाती है। यह सामूहिक समस्या है। इस कारण इसके लिए गांव के लोग सामूहिक रूप से आवाज उठा रहे हैं।

विकास का काम है बाधित

बैजनाथ समद और बोगन सिंह मुंडा ने कहा कि इंटरनेट कनेक्शन नहीं होने के कारण पूरे इलाके में विकास के काम बाधित हैं। गांवों में लोग सूचनाओं से वंचित रहते हैं। बिरबांकी के 14 किलोमीटर परिधि में इंटरनेट की सेवा नहीं रहने से पूरा इलाका परेशान है।

मंत्री से बात करेंगे कांग्रेस नेता

ग्रामसभा में पहुंचे कांग्रेस सहकारिता विभाग के नईमुद्दीन खां ने कहा कि वे ग्रामीणों के इस मांग का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अपने पार्टी के मंत्रियों से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के चार मंत्रियों से बिरबांकी आने को लेकर बातचीत चल रही है। उन्‍होंने भरोसा जताया कि वे इस समस्या के सामधान के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।