महिला सुरक्षा के प्रति केन्द्र सजग, उठाए कई कदमः गृह मंत्रालय

देश नई दिल्ली
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नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सजगता से काम कर रही है और इस संबंध में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके लिए विशेष बने निर्भया कोष का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि यौन उत्पीड़न के मामलों की समय पर जांच सहित महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को संवेदनशील बनाने के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग भी स्थापित किया है।

मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पिछले 7 वर्षों में महिला सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। यौन हमलों की जघन्य घटनाओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए भारत सरकार ने आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2018 के माध्यम से बलात्कार की सज़ा को और कठोर बना दिया है। कानून में संशोधन को प्रभावी ढंग से जमीनी स्तर पर पालन सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न पहल की गई हैं और उनकी प्रगति की निरंतर निगरानी की जाती है। इनमें यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली (आईटीएसएसओ), यौन अपराधियों का राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीएसओ), अपराध बहु-एजेंसी केंद्र और नई नागरिक सेवाएं शामिल हैं। ये आईटी पहल समय पर और प्रभावी जांच में मदद करती हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को इन ऑनलाइन उपकरणों के प्रभावी उपयोग की पुरजोर सिफारिश की है। गृह मंत्रालय ने फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरीज को मजबूत करके भारत में न्याय प्रशासन में सुधार के लिए एक और मजबूत पहल की है । 

उल्लेखनीय है कि फोरेंसिक विज्ञान किसी भी आपराधिक जांच का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह अधिकारियों को अपराध में संदिग्ध की पहचान करने, समय और अपराध से संबंधित अन्य विवरणों को निर्धारित करने में सक्षम बनाता है।