- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिपेक्ष्य में शिक्षक- शिक्षा की चुनौतियां एवं समाधान विषय पर संगोष्ठी
रांची। आरयू के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज सभागार में 10 फरवरी को एक दिवसीय क्षेत्रीय संगाेष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के परिपेक्ष्य में शिक्षक- शिक्षा की चुनौतियां एवं समाधान’ था। रांची विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना, विद्या भारती उच्च शिक्षण संस्थान, नोएडा एवं आदित्य प्रकाश जालान टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, रांची के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी हुई। इसकी अध्यक्षता विद्या भारती के उत्तर पूर्व क्षेत्र के अध्यक्ष रामावतार नरसरिया ने की।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि आजादी के बाद ये प्रथम शिक्षा नीति है, जिसमें भारतीयता के दर्शन होते हैं। भारतीय शिक्षा में भारत केंद्रित होना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये। शिक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं में पठन- पाठन करना अति आवश्यक है। हमें अपने गौरवशाली अतीत का स्मरण करते हुए नई सोच के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति को शीघ्र पूरे देश में लागू करनी चाहिये।
मुख्य वक्ता विद्या भारती उच्च शिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री केएन रघुनंदन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2021 के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने नौ सूत्रों की वकालत करते हुए कहा कि भारतीयता के बिना हमारी शिक्षा का उद्देश्य पूरी नहीं हो सकता है। उन्होंने नीतिगत विशेषताओं की व्याख्या करते हुए कहा कि इसमें पाठ्यक्रम, पाठ्येत्तर क्रियाएं और पाठ्य सहगामी क्रियाओं को साथ लेकर चलने का प्रावधान किया गया है। इससे छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षक अति सम्मानित होते हैं। उनके द्वारा दी जानी वाली शिक्षा से विद्यार्थियों के जीवन में व्यापक असर होता है। शिक्षक समाज के लिए अपने विद्यार्थियों को संस्कारित कर उनके द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कि नई नीति में अपनी सुविधा के अनुसार विद्यार्थी शिक्षा ले सकता है। बीच में किसी कारण से पढ़ाई छूट जाती है तो पढ़ाई फिर से कर सकता है।
संगोष्ठी के विशिष्ठ वक्ता विद्या भारती के वरीय पदाधिकारी दिलीप कुमार झा ने कहा कि इस शिक्षा नीति में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के आदर्श का समावेश किया गया है। रांची विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कहा उच्च शिक्षा के गुणवत्ता एवं एकरुपता के लिए उच्च शिक्षा आयोग का गठन सार्थक एवं सराहनीय पहल है।
संगोष्ठी का विषय प्रवेश आदित्य प्रकाश जालान टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ रामकेश पाण्डेय ने कराया। संगोष्ठी में प्रसिद्ध समाजसेवी ज्ञान प्रकाश जालान, रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एमसी मेहता, विद्या भारती के क्षेत्रीय मंत्री मुकेश नंदन, नकुल शर्मा, ब्रजभूषण तिवारी, डॉ जंगबहादुर पाण्डेय, दीप्तांशु भाष्कर आदि ने भी विचार रखें।
संगोष्ठी का संचालन विद्या भारती के अजय कुमार तिवारी और धन्यवाद आरयू के एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने किया। संगोष्ठी में रांची विश्वविद्यालय के 30 बीएड महाविद्यालय के 150 शिक्षकों ने भाग लिया।
संगोष्ठी को सफल बनाने में आदित्य जालान बीएड महाविद्यालय के डॉ रामजी यादव, एनएसएस के टीम लीडर्स दिवाकर, सुमित, प्रिंस, दीपा, फलक, नेहा, सूरज, प्रभात, शुभम, अन्नू, दिनकर, शिवानी, जूही, पवन आदि का योगदान रहा।