न्यूनतम मजदूरी के आदेश को चुनौती वाली याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस

नई दिल्ली मुख्य समाचार
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नई दिल्ली। दिल्ली के फैक्टरी मालिकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब आप किसी गरीब की तकलीफों को देखेंगे तो अपने आप को अमीर महसूस करेंगे। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। दिल्ली सरकार की न्यूनतम मजदूरी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। मामले पर अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। 

याचिका दिल्ली फैक्टरी ओनर्स फेडरेशन ने दायर की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने जब हाईकोर्ट से फैक्टरी मालिकों की मौजूदा वक्त में तकलीफों पर गौर करने पर जोर दिया, तब कोर्ट ने कहा कि वे पहले मजदूरों को न्यूनतम मंजूरी का भुगतान करें, जो उनसे ज्यादा तकलीफ में हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर आप किसी गरीब की तकलीफों को देखेंगे तो अपने आपको अमीर महसूस करेंगे। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने 7 दिसंबर, 2020 को महंगाई भत्ता बढ़ोतरी करने का जो आदेश दिया है, अगर उस पर रोक नहीं लगाई गई तो कई सारी कंपनियां बंद हो जाएंगी और इससे काफी लोग बेरोजगार हो जाएंगे। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने 2 अक्टूबर, 2019 को न्यूनतम वेतन का जो आदेश जारी किया है वो न्यूनतम मजदूरी का न होकर अधिकतम वेतन का साबित हो रहा है। यह किसी भी केंद्रशासित प्रदेश में दिए जाने वाले न्यूनतम मजदूरी से ज्यादा है। इस आदेश की वजह से फैक्टरी मालिकों पर बोझ बढ़ गया है।