अबू धाबी में ​स्वदेशी जहाज निर्माण की ताकत दिखाएगा आईएनएस प्रलय

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-​नौसेना रक्षा प्रदर्शनी और अंतर​राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी​ 20 से 25 फरवरी तक
-आईएनएस प्रलय को ​’​आत्म निर्भर भारत​’ ​अभियान के तहत भेजा गया

नई दिल्ली। ​​संयुक्त अरब अमीरात के ​​अबू धाबी​ में ​20 से 25 फरवरी तक ​​​​नौसेना रक्षा प्रदर्शनी और अंतर​राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी​ होगी जिसमें भाग लेने के लिए भारतीय नौसेना ​का ​पोत प्रलय​ शुक्रवार को ​पहुंच​ गया​।​ ​स्वदेशी रूप से निर्मित ​​​​आईएनएस प्रलय ​प्रबल क्लास मिसाइल वेसेल्स का दूसरा जहाज​ है जिसे 18​​ ​दिसम्बर,​ 2002 को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था​​।

नौसेना प्रवक्ता ने बताया कि ​नौसेना रक्षा प्रदर्शनी और अंतर​राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी​ में ​आईएनएस प्रलय की भागीदारी का उद्देश्य ​​प्रधानमंत्री के​​ ‘​आत्म निर्भर भारत​’ ​अभियान ​के​ तहत ​​स्वदेशी जहाज निर्माण की ताकत दिखा​ना है।​ इसके अलावा​ भारतीय नौसेना के जहाज की भागीदारी भारत और यूएई के बीच घनिष्ठ संबंधों पर ​भी ​प्रकाश डालती है।​ उन्होंने बताया कि 56 मीटर लंबा जहाज 560 ​टन की भार क्षमता के ​साथ 35 समुद्री मील​ प्रति घंटे की अधिक गति में ​चलने में ​सक्षम ​है​।​​​ ​हथियारों और प्रभावशाली ​सेंसर से लैस इस पोत में 76.2 मिमी मीडियम रेंज गन, 30 एमएम क्लोज रेंज गन, चैफ लॉन्चर और लंबी दूरी ​की सतह से सतह ​तक मारक ​क्षमता वाली मिसाइल ​लगी हैं।​ गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में स्वदेशी तौर पर बनाया गया यह जहाज भारतीय जहाज निर्माण उद्योग की क्षमताओं की गवाही देता है​​।​​ यह एक बहुमुखी मंच है जो विभिन्न प्रकार के सतह युद्ध अभियानों में सक्षम है​​।

उन्होंने बताया कि भारत और यूएई के बीच रक्षा संबंध अबू धाबी के क्राउन प्रिंस महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ​के 2017 में ​गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के बाद से बढ़ रहे हैं​।​​ ​​इसके बाद से दोनों देशों के बीच ​​व्यापक रणनीतिक साझेदारी​ और ​द्विपक्षीय संबंध​ भी मजबूत हुए हैं​​। ​यही वजह है कि मार्च, 2018 में दोनों ​देशों की ​नौसेनाओं के ​सम्बन्ध बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना​ और यूएई नौसेना के द्विपक्षीय अभ्यास ​’गल्फ स्टार-1′ की शुरुआत की गई है।​ इसके अलावा भारतीय नौसेना के जहाज समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में बंदरगाह ​पर नियमित रूप से तैनात रह रहे हैं।​ स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल विध्वंसक​ आईएनएस मैसूर​ अभी भी इस क्षेत्र में 19 से 22 फरवरी, 21 तक ​मिशन तैनाती पर है।अबू धाबी में भारतीय नौसेना के जहाजों की तैनाती यूएई ​और ​भारत के बीच गहरे दोस्ताना संबंधों और बहुआयामी सहयोग को रेखांकित करता है​ जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत ​होगा।