सरकार ने कहा- पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र फिंगर-8 तक

देश नई दिल्ली
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– मौजूदा समझौते में भारत ने फिंगर 8 तक गश्त के अधिकार को बनाए रखा
– हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेप्सांग सहित अन्य विवादित क्षेत्रों पर भी होगी बात 

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख की सीमा पर 9 माह से चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए चीन के साथ हुए समझौते का ब्योरा एक बार फिर सार्वजनिक किया है। इससे पहले गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरा ब्योरा सदन के पटल पर रखा था। इसके बावजूद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज लद्दाख के मुद्दे को लेकर सरकार पर गलत बयानी के आरोप लगाए। रक्षा मंत्रालय ने इसका संज्ञान लेते हुए आधिकारिक रूप से एक बार फिर चीन से हुए समझौते को बिन्दुवार स्पष्ट किया है। 

रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि पैन्गोंग झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय क्षेत्र फिंगर-4 तक नहीं बल्कि फिंगर-8 तक है। यानी भारतीय धारणा के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) फिंगर 8 पर है न कि फिंगर 4 पर। यही कारण है कि भारत ने चीन के साथ मौजूदा समझौते में फिंगर 8 तक गश्त के अधिकार को बनाए रखा है। भारत के नक्शे में 1962 से चीन के अवैध कब्जे में चली आ रही 43 हजार वर्ग किमी. से अधिक जमीन को भी भारतीय क्षेत्र में ही दर्शाया गया है। पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर दोनों पक्षों की स्थायी चौकियां पहले की तरह अभी भी मौजूद हैं। सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत की स्थायी चौकी फिंगर 3 के निकट धन सिंह थापा पोस्ट पर और चीनी पक्ष की स्थाई चौकी फिंगर-8 के पूर्व में रहेगी। 

सरकार ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान समझौते में दोनों पक्षों की ओर से आगे की तैनाती रोकने लेकिन मौजूदा स्थायी चौकियों पर तैनाती बरकरार रखने का प्रावधान किया गया है। भारत ने इस समझौते के परिणामस्वरूप किसी भी सीमा क्षेत्र को स्वीकार नहीं किया है। इसके विपरीत मौजूदा समझौते ने एलएसी का पालन और सम्मान लागू किया है और यथास्थिति में किसी भी एकतरफा परिवर्तन को रोका है। रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में दिए गए अपने बयान ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेप्सांग सहित अन्य विवादित क्षेत्रों का मुद्दा पैन्गोंग झील के दोनों किनारों से डिसइंगजमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर चीन के साथ उठाया जाना है।