भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा आम बजट

झारखंड
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रांची। पत्र सूचना कार्यालय, रीजनल आउटरीच ब्यूरो, रांची और  फील्ड आउटरीच ब्यूरो, दुमका के संयुक्त तत्वावधान में ‘केंद्रीय बजट 2021-22’ विषय पर 17 फरवरी को वेबिनार परिचर्चा का आयोजन किया गया। 

परिचर्चा की शुरुआत करते हुए अपर महानिदेशक पीआईबी-आरओबी, रांची अरिमर्दन सिंह ने कहा कि बजट से देश के विकास का खांका खींचा जाता है। विकास की योजनाओं के लिए धन कहां से आएगा। जनकल्याणकारी योजनाओं पर कितने पैसे खर्च किए जाएंगे। लोगों को क्या सहूलियत और राहत दी जा सकती है। बजट में मुख्यत: इन बातों का लेखा-जोखा होता है। इस बार के बजट में सरकार ने सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखा है।

प्रो दीपांकर सेन गुप्ता (आचार्य, युनिवर्सिटी ऑफ जम्मू, आर्थिक सिद्धांत एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक अर्थव्यवस्था) ने कहा कि पिछले बजट के मुकाबले इस बार के बजट में खर्च काफी बढ़ा है। कोरोना वैक्सीन के विकास और विनिर्माण पर 35,000 करोड़ खर्च करने का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य के बजट में 137 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। लॉकडाउन के कारण हमारी अर्थव्यवस्था की रफ्तार कम हुई। फैक्ट्रियों के बंद होने से उत्पादन पर काफी बुरा असर पड़ा। केंद्र सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण परिस्थित में भी जरूरतमंद लोगों तक खाद्द सामग्रियां पहुंचाई। उन्हें डीबीटी के माध्यम से आर्थिक मदद भी दी गई।

झारखंड चैंबर के पूर्व अध्‍यक्ष कुणाल आजमानी ने कहा कि इस बार का बजट रिपेयर, रीस्टोर और रीबिल्ड पर केंद्रित है। जाहिर है इससे रोजगार के ज्यादा मौके मिलेंगे। झारखंड में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की संख्या ज्यादा है। इनके लिए इस बार के बजट में ज्यादा पैसे आवंटित किए गए हैं। इन सेक्टर्स के विकास से ही राज्य की आर्थिक स्थिति को और मजबूती मिलेगी। झारखंड से होकर बनने वाले ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर से यहां के उद्यमियों को लाभ होगा।

वरिष्‍ठ पत्रकार संजय मिश्रा ने कहा कि इस बार के बजट में झारखंड सहित देश के आदिवासी क्षेत्रों में 700 से ज्यादा एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जाने का प्रावधान किया गया है। इन स्कूलों के खुलने से जनजातीय और पिछड़े इलाकों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। फ्रेट कॉरिडोर से राज्य की आर्थिक उन्नति होने के साथ-साथ जो क्षेत्र वर्षों से पिछड़े हैं, उनका भी विकास होगा। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजटीय प्रावधान बढ़ाए जाने का लाभ निश्चित रूप से राज्य को होगा, क्योंकि दुर्गम इलाका होने के कारण यहां स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी चुनौतियां हैं। बजट में बुनकरों को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं।

डॉ जहांगीर चौहान (सहायक आचार्य, वित्तीय एवं लेखा विभाग एएमयू अलीगढ़) ने कहा कि आने वाले समय में इस बजट का अच्छा असर होगा। कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के असर से जो अर्थव्यवस्था की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई थी, इस बजट के बाद उसमें तेजी आ रही है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह बजट काफी उपयोगी सिद्ध होगा। स्वास्थ्य का बजट इस बार काफी बढ़ाया गया है, यह आम लोगों के लिए सरकार का सराहनीय कदम है। जल जीवन मिशन के जरिए लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया कराने का बजटीय प्रावधान किया गया है। साफ पानी पीने से लोग बीमार कम होंगे।

वेबिनार के दौरान उपर्युक्त विषय से संबंधित पूछे गए सवाल का अतिथियों ने जवाब दिया। वेबिनार का समन्वय एवं संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी शाहिद रहमान ने किया। वेबिनार में विशेषज्ञों के अलावा शोधार्थी, छात्र, पीआईबी, आरओबी, एफओबी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के अधिकारी-कर्मचारियों तथा दूसरे राज्यों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। गीत एवं नाटक विभाग के अंतर्गत कलाकारों एवं सदस्यों, आकाशवाणी के पीटीसी, दूरदर्शन के स्ट्रिंगर तथा संपादक और पत्रकार भी शामिल हुए। वेबिनार का यूट्यूब पर भी लाइव प्रसारण किया गया।