भाजपाईयों से नहीं मिले डीसी, ऑफिस के सामने बैठे धरने पर

झारखंड
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आनंद कुमार सोनी

रांची। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति के कार्यकर्ताओं ने उपायुक्‍त कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने उपायुक्त कार्यालय गये। उनसे आधे घंटे तक भेंट नहीं हुई। वे कार्यालय में अनुपस्थित थे। उनकी जगह ज्ञापन लेने के लिए कोई अधिकारी उपस्थित नहीं थे। इससे नाराज होकर कार्याकर्ता उपायुक्त कक्ष के समीप भी धरने पर बैठ गये।

उपेक्षा से आक्रोशि‍त जिला अध्यक्ष मनीर उरांव ने कहा कि सरकार बदलने के बाद अधिकरी जनप्रतिनिधियों के प्रति‍ भेदभाव वाला रवैया अपना रहे हैं। यह घोर निंदनीय एवं अक्ष्‍मय है। अधिकारी यह बात याद रखें कि वे जनता की सेवा करने आये हैं। ना कि किसी राजनीतिक पार्टी का एजेंट बनने। सरकार बदलने वाली चीज है। आज किसी और की है तो कल किसी और की होगी। याद रखें कि वे जनता के नौकर हैं। जनप्रतिनिधि सेवक। इस कारण मालिक बनने की चेष्टा नहीं करें।

कार्यकर्ताओं ने कहा कि अफसरों की कार्यशैली देखकर यही प्रतीत होता है कि वे किसी दल विशेष के लिए काम कर रहे हैं। वे जनता की सेवा को अपना मूल कार्य बनायें। किसी दल के कार्यकर्ता की भांति आचरण नहीं करें। यदि उनका रवैया नहीं बदला तो उन्हें परिणाम से सामना करना होगा।

इस दौरान गंगोत्री कुजूर, शिवशंकर उरांव, बिन्देश्वर उरांव, बजरंग उरांव, मनीर उरांव, राजकुमार वर्मा, नवीन कुमार टिंकु, भिखारी भगत, लखन उरांव, सूरज दसौंधी, अनिल उरांव, मीना बाखला, सामेला भगत सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

राज्‍यपाल के नाम मांग पत्र

अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वननिवासी वन भूमि पर अधिकार के तहत वनभूमि का पट्टा दिलाया जाय।

केन्द्रीय कानून पेसा के तहत प्रदत ग्रामसभा एवं ग्रामीणों के अधिकार की बहाली।

ग्राम पंचायत चुनाव अविलंब कराकर राज्य शासन में ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित हो।

आदिवासियों के अगुवा ग्राम प्रधान इत्यादि‍ की सम्मान राशि को आरंभ किया जाय।

जनजातीय समाज के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए उन्हें चिन्हित करते हुए उनकी घेराबंदी अविलंब हो।