– केंद्रीय गृहमंत्री ने राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को भूमिका की तारीफ की
– सीएम ने उत्तराखंड हिमनद एवं जल संसाधन शोध केंद्र की स्थापना का किया अनुरोध
– आपदा एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी के लिए मांगा एक हेलीकॉप्टर- केंद्रीय गृहमंत्री ने सभी मांगों पर सैद्धान्तिक सहमति जताई
नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट कर उन्हें जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा में राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दी। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, केन्द्रीय एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन ने बेहतर समन्वय से कार्य किया। आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने सर्च व रेस्क्यू के काम के साथ ही आपदा प्रभावित गांवों में बिना देरी के राहत पहुंचाने का काम भी किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से राज्य में उत्तराखंड हिमनद एवं जल संसाधन शोध केंद्र की स्थापना का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के दुर्गम-अति दुर्गम आपदा सम्भावित क्षेत्रों और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की निरन्तर देखरेख एवं निगरानी के लिए एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। आपदा प्रबन्धन व सीमा प्रबन्धन के दृष्टिगत गैरसैंण में एक आईआरबी बटालियन स्थापना की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। आगामी कुंभ के दुष्टिगत एंटी ड्रोन तकनीक से संयोजित एक विशेष टीम की तैनाती का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाये जाने के लिए राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने राज्य में समय-समय पर तैनात सुरक्षा बलों की तैनाती के फलस्वरूप देय धनराशि 36.46 करोड़ रुपये की छूट और भविष्य के लिए पूर्वोत्तर राज्यों/विशेष श्रेणी के राज्य की भांति 90ः10 के अनुसार भुगतान की व्यवस्था निर्धारित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से चमोली के नीति घाटी तथा उत्तरकाशी के नेलांग घाटी को बेहतर सीमा प्रबंधन के लिए इनर लाइन परमिट की व्यवस्था समाप्त किए जाने का आग्रह किया ताकि इस क्षेत्र के गांवों में पर्यटन से आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हो पाए। केंद्रीय गृहमंत्री ने इन सभी बातों पर सैद्धांतिक सहमति देते हुए कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड को हरसम्भव सहयोग प्रदान करेगी।