झारखंड में 60 हजार बच्चे स्कूल से बाहर, चलेगी विशेष शिक्षण व्यवस्था

झारखंड शिक्षा
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रांची। झारखंड में 60 हजार से अधिक बच्चे स्कूल से बाहर हैं। उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विशेष शिक्षण व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत सेतु गाईड विशेष शिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत 1 मार्च से होगी। इस क्रम में ड्रॉप-आउट एवं आउट ऑफ स्कूल बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना है। इस संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् के राज्य निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी-सह- जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सभी जिला शिक्षा अधीक्षक-सह- अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारीको पत्र लिखा है।

डॉ चौरसिया ने कहा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में कोविड-19 के कारण विद्यालयों में नामांकित बच्‍चों को विद्यालय में जोड़े रखना और विद्यालय से बाहर ड्रॉप-आउट बच्चों को विद्यालय से जोड़ना दोनों ही चुनौतिपूर्ण कार्य है। फिर भी, सभी बच्चों को विद्यालय की मुख्यधारा से जोड़ने का सतत प्रयास जारी रखा जाना है। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंतिम महीनों में जिलों द्वारा किये गये शिशु पंजी अद्यतन के आधार पर पूरे राज्य में 60444 बच्चों को ओओएससी/ड्रॉप आउट बच्चों के रूप में चिन्हित किया गया था। उन्हें विद्यालय की मुख्यधारा में जोड़ा जाना है।

इसके अतिरिक्त इस वित्तीय वर्ष में भी कोविड-19 महामारी के कारण विद्यालयों को बंद रखे जाने से कई बच्चे विद्यालय से दूर हो गये हैं। सभी जिलों के UDISE 2019-20 (drat) प्रतिवेदन के अनुसार विद्यालयों में राज्य में नामांकित 74,63,906 बच्चों में से चलाये जा रहे DIGI SATH कार्यक्रम के तहत लगभग 12,38,736 बच्चे ही आच्छादित हैं। शेष बच्चे इस कार्यक्रम से जुड़े नहीं होने के कारण एक तरह से विद्यालय से ड्रॉप आउट हो चुके हैं, जो कि एक चिंता का विषय है। इसके अतिरिक्त इस कोविड अवधि में जो प्रयासी बच्चे बाहर से आये हैं, इन बच्चों को भी अलग से चिन्हित करते हुए इनके लिए भी शिक्षा की व्यवस्था की जानी है। महामारी के इस काल में डॉप आउट बच्चों की शिक्षा के लिए ‘सेतु गाईड विशेष शिक्षण कार्यक्रम’ के तहत विशेष शिक्षण व्यवस्था किया जाना है।

प्रत्येक विद्यालय के पोषक क्षेत्र में बच्चों को चिन्हित किया जाना :

सर्वप्रथम सभी विद्यालय अपने पोषक क्षेत्र में आने वाले 6 से 14 आयु वर्ग के वस्यों को चिन्हित करते हुए स्पष्ट हो लेंगे कि उक्त बच्चे DIGI SATH कार्यक्रम मोहल्ला विद्यालय या अन्य नवाचारी शिक्षण व्यवस्था के तहत आच्छादित हैं या अन्य निजी विद्यालयों में नामांकित हो कर किसी भी माध्यम से ऑनलाइन/ऑफलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे है। इसके अतिरिक्त जो बच्चे 6 से 14 आयु वर्ग के किसी भी माध्यम से शिक्षा नहीं प्राप्त कर रहें है, ऐसे बच्चों को इस कार्यक्रम के तहत जोड़ा जाएगा । बच्चों की चिन्हिकरण प्रक्रिया के तहत वर्तमान में शिशु पंजी अद्यतन कार्य चल रहा है। चिन्हित बच्चों को शिशु पंजी में आवश्यक रूप से ड्रॉप-आउट एवं आउट ऑफ स्कूल दर्ज कराया जाना है। ये ड्रॉप-आउट एवं आउट ऑफ़ स्कूल बच्चे पूर्व वित्तीय वर्ष में या इस वर्ष में चिन्हित बच्चे हो सकते हैं।

विशेष प्रशिक्षण सेतु गाईड केंद्र :

किसी विद्यालय के पोषक क्षेत्र में ड्रॉप आउट/स्कूनल से बाहर बच्चे चिन्हित होने पर ग्राम में सेतु गाईड केंद्र का निर्माण उक्त विद्यालय के किसी में किया जा सकता है। सेतु गाइड विशेष प्रशिक्षण केंद्र वस्तुतः एक तरह से इन बच्चों को पढ़ाने के लिए चयनित स्थान होगा, जो सेतु गाईड के घर या चयनित बच्चों में से किसी एक का घर हो सकता है। इसके अतिरिक्त विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य, पंचायत मुखिया, वार्ड सदस्य से सलाह लेकर पंचायत भवन या कोई उचित स्थल का चयन किया जा सकता है।

विशेष प्रशिक्षण सेतु गाईड के द्वारा शिक्षण व्यवस्था :

इन केंद्रों में बच्चों को संबंधित विद्यालय प्रबंध समिति के द्वारा चयनित 2 सेतु गाईड, जो विशेषतः रिसोर्स शिक्षक होंगे, के द्वारा बच्चों को पढ़ाया जाएगा।

विशेष प्रशिक्षण सेतु गाईड की चयन प्रक्रिया :

सभी संबंधित सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय अपने-अपने विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक करते हुए अपने विद्यालय पोषक क्षेत्र से ही सेतु गाईड का चयन करेंगे। सेतु गाईड कम से कम इंटरमीडिएट होंगे। शिक्षण कार्य में प्रशिक्षित एवं उच्चत्तर शैक्षणिक योग्यताधारी को प्राथमिकता दिया जाना है। सेतु गाईड पोक क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगार युवक युवती या रिटायर्ड शिक्षक हो सकते हैं। विशेष प्रशिक्षण सेतु गाईड 1 मार्च, 2021 से आरंभ किया जाना है। कार्यक्रम

एक सेतु गाईड के साथ बच्चों का टैगिंग :

एक विशेष प्रशिक्षण सेतु गाईड केंद्र में कम से कम 5 बच्चे एवं अधिकतम 10 बच्चे टैग होंगे।

सेतु गाईड के लिए प्रोत्साहन राशि :

प्रति सेतु गाईड को प्रति बच्चा 500 रुपये प्रतिमाह देय होगा। केंद्र में 10 बच्चा होने पर उन्हें 4 हजार रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि के रूप में देय होगा। इसके अतिरिक्त 500 रुपये टीएलएम राशि के रूप में प्रति गाईड हाउस एक बार दिया जाएगा। उक्त प्रोत्साहन राशि एवं टीएलएम राशि टैग किये गये विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा भुगतान किया जाएगा।

शिक्षण का समय :

सेतु गाईड प्रत्येक दिन प्रातः 8 बजे से 11 तक और संध्या समय 3 से 4 बजे (एक घंटा) बच्चे को पढ़ाएंगे। विद्यालय खुलने की स्थिति में 7 से 9 या 4 से 6 किसी भी समय रविवार को छोड़कर पढ़ाया जाना है।

सेतु गाईड केंद्र की अवधि :

सेतु गाईड हाउस 31 मार्च, 2021 तक ही चलाया जाना है। केंद्र संचालन की अवधि विस्तार के लिए अलग से दिशा-निदेश जारी किये जाए।

कोविड-19 से सुरक्षा संबंधी उपाय :

विशेष प्रशिक्षण सेतु गाईड केंद्र का संचालन कोविड-19 के सुरक्षा संबंधी दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार करना सुनिश्चित करें।

उपस्थिति पंजी :

सेतु गाईड हाउस में बच्चों की और सेतु गाईड की उपस्थिति पंजी संधारित किया जाना है, जो प्रत्येक दिन संबंधित बच्चे के किसी एक अभिभावक द्वारा प्रतिदिन तथा सप्ताह में किसी एक दिन केंद्र संचालित होने की पुष्टि विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष या सदस्य के द्वारा किया जाना है। इन केंद्रों के सेतु गाईड की उपस्थिति टैग किये गये बीआरपी/सीआरपी एवं बीपीओ संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को उपलब्ध करायेंगे। इनके प्रोत्साहन राशि का भुगतान एसएमसी के माध्यम से किया जायेगा।