झारखंड के 3.65 लाख अतिरिक्‍त गरीब वृद्धों को मिलेगी पेंशन

झारखंड
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रांची। झारखंड के करीब 3 लाख 65 हजार अतिरिक्त वृद्धों को पेंशन देने की कार्ययोजना पर सरकार ने कार्य आरंभ कर दिया है। राज्य योजना अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री राज्य पेंशन योजना अंतर्गत योग्य व्यक्तियों को शत-प्रतिशत अनाच्छादन की घटनोत्तर स्वीकृति कैबिनेट की बैठक में दी गई। इस स्वीकृति के बाद राज्य के 7 लाख 30 हजार वृद्धों को पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा।

मालूम हो कि राज्य में 60 वर्ष से ऊपर के वृद्धों को मुख्यमंत्री राज्य वृद्धापेंशन योजना के अंतर्गत प्रति लाभुक को प्रति माह एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत वर्तमान में 3 लाख 65 हजार लाभुक लाभांवित हो रहे हैं। प्रस्तावित स्वरूप के साथ मुख्यमंत्री राज्य वृद्धापेंशन योजना अंतर्गत लाभांवित हो रहे 3 लाख 65 हजार लाभुकों को संख्या को दोगुना कर कुल सात लाख 30 हजार लाभुक के आच्छादन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।

असहायों को नहीं मिल पा रहा था लाभ

इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी योग्य 60 वर्ष या अधिक की आयु के असहाय व्यक्ति को इस योजना लाभ नहीं मिल पा रहा था। शहरी क्षेत्रों में भी कई ऐसे असहाय व्यक्तियों का आवेदन विभिन्न कार्यालयों में स्वीकृति के लिए लंबित है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य पूर्ण हो जाने के कारण इन आवेदनों को स्वीकृत करने में कठिनाई हो रही थी। इसके लिए आवश्यक था कि इस लक्ष्य को बढ़ाया जाए, ताकि ऐसे सभी योग्य व्यक्ति को इस योजना से आच्छादित यह जा सके।

सभी अहर्ता रखने वाले जुड़ेंगे योजना से

2011 की जनगणना के अनुसार केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही पेंशन योजना के लाभुकों की संख्या के आंकलन से लगभग 5,13,000 व्यक्ति ऐसे प्रतीत होते हैं, जिन्हें यह पेंशन नहीं दी जा रही है। संभव है कि इस संख्या में कई ऐसे व्यक्ति भी सम्मिलित होंगे, जिनको इन योजनाओं के लिए निर्धारित मापदंड में निहित और अयोग्यता मापदंड के कारण लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। ऐसे सभी अहर्ता रखने वालों वृद्धावस्था पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा। प्रस्तावित स्वरूप के साथ योजनांतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष में करीब 885 करोड़ रुपये व्यय की संभावना है।