अस्पतालों में आयुष्मान योजना के लाभुकों का ‘अंगूठा’ नहीं करता काम

झारखंड मुख्य समाचार सेहत
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। जिले के कुछ अस्पतालों में आयुष्मान गोल्डन कार्ड योजनाा के लाभुकों का ‘अंगूठा’ काम नहीं करता है। इसके कारण कार्ड होते हुए भी उनका इलाज पैसे लेकर किया जा रहा है। पूछने पर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि काफी कोशिश के बाद भी अंगूठे की स्क्रीनिंग नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

मिली सूचना अनुसार आयुष्मान गोल्डन कार्डधारी का इलाज शहर के कई अस्पतालों में नहीं हो पा रहा है। पैसा लेकर उसका इलाज किया जा रहा है। अस्पताल सुनियोजित रणनीति के तहत ऐसा कर रहे हैं। कुछ मरीज से नकदी पैसा वसूलने के लिए उन्हें एडमिट करते समय आयुष्मान योजना के अस्प‍ताल में लागू होने की जानकारी नहीं दी जाती है। कई अस्पतालों में इससे संबंधित फ्लैक्स पोस्टर भी नहीं लगाया गया है। इसके कारण लाभुकों में जानकारी नहीं होती है।

मरीजों को जानकारी होने पर अंगूठा का निशान लेने के बाद उनसे कहा जा रहा है कि आधार अपडेट नहीं है या कार्ड निरस्त हो गया है। ऐसा कर लाभुकों को इस योजना से वंचित किया जा रहा है। इस बारे में जानकारी लेने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि अंगूठे की स्क्रीनिंग के अभाव में योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए वे एक्सपर्ट तक को बुलाकर दिखाते हैं। हालांक‍ि बाद में उन्‍होंने आयुष्मान मित्र की गलती करार द‍िया। इसके बाद सारा दोष मरीज पर ही मढ़ देते हैं। कहते हैं कि उनके पास सभी योग्य प्रमाण हैं, लेकिन पहले जमा नहीं कराया गया।

कई अस्‍पताल प्रबंधन का तो यहां तक कहना है कि बहुत मरीज आयुष्मान योजना के तहत भर्ती नहीं होना चाहते। हालांकि भुक्तभोगी मरीजों का कहना है कि एक दिन अंगूठा का ट्राई लिया जाता है। फिर छोड़ दिया जाता है। पांच छह दिनों से भर्ती रखकर बेड और जांच शुल्क जमा करने के लिए दबाव दि‍या जाता है।

कुछ अस्पताल प्रबंधकों ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत हुए इलाज का भुगतान बीते कई महीने से नहीं हुआ है। इससे उनके समक्ष भी परेशानी उत्पन्न हो गई है। इस मामले पर आयुष्मान को-ऑर्डिनेटर सुजित कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि गड़बड़ियां हुई है। शिकायतें भी बहुत मिली है। मैंने नया प्रभार लिया है। समझने में थोड़ा समय लगेगा। पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएंगी। वहीं सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार से बात करने पर उन्‍होंने कहा कि ऐसी सूचना नहीं मिली है। लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।