कोलकाता। केंद्र सरकार ममता बनर्जी को एक और झटका देने की तैयारी में है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के मौके पर केंद्र सरकार ने कई बड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि कोलकाता के जिस ऐतिहासिक विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी से संबंधित प्रदर्शनी का उद्घाटन करने 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं, उसी विक्टोरिया मेमोरियल का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा जा सकता है। इतना ही नहीं विक्टोरिया मेमोरियल के नाम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज को भी शुमार किया जा सकता है।
इसके पहले केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने नेताजी जयंती को हर साल पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा कर दी है। इसके अलावा रेल मंत्रालय ने आजादी के इस महानायक की 125वीं जयंती पर उन्हें विशेष सम्मान देने के लिए हावड़ा कालका एक्सप्रेस का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर कर दिया है। अगर विक्टोरिया मेमोरियल का नाम बदला जाता है तो यह राज्य में ऐतिहासिक इमारतों के पुनर्नामकरण की एक बड़ी शुरुआत हो सकती है।
लंबे समय से यह मांग होती रही है कि अंग्रेजों के नाम पर जितने भी निर्माण, सड़क अथवा ढांचे हैं उन्हें बदलकर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर किया जाना चाहिए। इसके अलावा विक्टोरिया मेमोरियल ना केवल भारत बल्कि ब्रिटेन में भी खासा प्रसिद्ध है। अगर केंद्र सरकार इसका नाम बदलती है तो माना जा रहा है कि इसकी ना केवल राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी।
खास बात यह है कि अमूमन केंद्र सरकार के हर छोटे बड़े कदम का विरोध करने वाली ममता बनर्जी इस बार केंद्र के इस कदम का विरोध करेंगी या नहीं, यह भी देखने वाली बात होगी। क्योंकि अगर नेताजी के नाम पर विक्टोरिया मेमोरियल के नामकरण का ममता विरोध करती हैं तो इससे वह राज्य के लोगों के सामने सवालों के घेरे में रहेंगी।
सूत्रों ने बताया है कि 23 जनवरी को जब प्रधानमंत्री इस ऐतिहासिक इमारत में नेताजी से जुड़ी प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे तो वह खुद अपने मुंह से इस बिल्डिंग का नाम बदलने की घोषणा कर सकते हैं।