खुद शुरू की दुकान, पति को बेरोजगारी से निकाला, जी रहीं सम्मानजनक जिंदगी

झारखंड सरोकार
Spread the love

जमशेदपुर। यह कहानी संगीता दास की है। उसने महिला समूह से लोन लेकर किराना दुकान शुरू किया। बेरोजगार पति को भी रोजगार से जोड़ा। अब सम्मानजनक जिंदगी जी रहीं है। यह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिये संभव हो पाया है।

जीविका चलाने के लिए शराब बेचने लगी

संगीता दास घाटशिला प्रखंड अंतर्गत उत्तरी मऊभंडार पंचायत के तुमाडुंगरी की रहने वाली है। वह अब शराब बेचने का काम छोड़कर किराना दुकान चला रही हैं। ये संभव हो पाया है राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) अंतर्गत फूलो झानो आशीर्वाद योजना से। संगीता बताती हैं कि पति की बेरोजगारी और दो बच्चों के अलावा सास-ससुर की जिम्मेदारी को देखते हुए उन्होने शराब बेचने जैसे कार्य को आजीविका का साधन चुनना पड़ा था।

तीन साल पहले महिला समूह से जुड़ी

संगीता के मुताबिक वर्ष 2017 में वे महिला समूह से जुड़ी जिसमें कई बार बैठकों में महिलाओं के बीच सामाजिक बुराईयों पर विमर्श किया जाता था। कुछ महिलायें बताती थी कि उनके घर में शराब के कारण पति द्वारा अक्सर मारपीट किया जाता है। तनावपूर्ण माहौल का असर बच्चों पर पड़ता है। ऐसे में संगीता ने अपनी आजीविका के साधन को बदलने का मन बनाया और शराब बेचने का कार्य छोड़ दिया।          

लोन लेकर शुरू किया किराना दुकान

वर्ष 2020 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत फूलो झानो आशीर्वाद योजना आई। इस योजना के तहत शराब बेचने वाली महिलाओं को शराब बेचकर जितनी आय होती होगी, उस अनुसार दीदी समूह से ऋण लेकर कोई दूसरा कारोबार शुरू करने एवं शराब बेचने का कार्य बंद करने का विकल्प दिया गया। महिला समूह से जुड़कर संगीता दास ने भी शराब बेचने का कार्य छोड़कर दूसरा काम करने का मन बना लिया। ऐसे में फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत संगीता को मां दुर्गा समूह से बिना ब्याज के 10 हजार रुपये ऋण दिया गया। इस पैसे से संगीता दास ने घर में ही किराना दुकान खोल लिया। साथ में पति को भी सब्जी का व्यापार कराने लगीं।

परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरी

संगीता बताती हैं कि किराना दुकान से लगभग 200-300 रुपये की आमदनी उन्हें प्रतिदिन हो जाता है। उसी पूंजी से उन्होने पति को जिस सब्जी बेचने के काम में लगाया। उससे भी खाने-पीने एवं अन्य जरूरतें अब आसानी से पूरी होने लगी। संगीता कहती है कि महीना में अब 7,000 से 10, 000 रुपये की आमदनी होती है, जितना पहले शराब बेचकर भी नहीं होती थी।

जीवन बदलने के लिए इच्छाशक्ति दिखायें

संगीता ने सभी महिलाओं से अपील करते हुए कहा है कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के जीवन में उत्थान लाने के लिए कई योजनायें चलाई जा रही हैं। जरूरत है कि आप अपने जीवन को बदलने के लिए इच्छाशक्ति दिखायें। उन्होने कहा कि सबसे अच्छा तो यह है कि महिला समूह से जुड़कर बिना ब्याज का लोन मिल जाता है, जो किसी भी आजीविका के साधन को शुरू करने में काफी सहायक सिद्ध होता है।