रांची। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को रांची विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई के तत्वाशवधान में आरयू के कुलपति सभागार में ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाई गई। कुलपति डॉ रमेश कुमार पाण्डेय ने इसकी अध्यक्षता की।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि नेताजी का योगदान देश की आजादी में महत्वपूर्ण रहा है। उनकी वीरता एवं साहस की चर्चा भारत के बाहर कई देशों में होती रही है। नेता जी ने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का बेहतर परिणाम निकला। उन्होंने कहा कि नेताजी की 125वीं जयंती पर पूरे वर्ष भर रांची विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालय एवं स्नातकोत्तर विभागों में प्रभावी ढंग से आयोजित करना है। इन कार्यक्रमों से वर्तमान युवा को नेता जी द्वारा भारत की आजादी के लिए किये गए पराक्रम से अवगत कराया जाएगा।
कार्यक्रम में विषय प्रवेश रांची विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ पीके वर्मा ने कराया। इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुकुंद चंद्र मेहता, सीसीडीसी डॉ एलजीएस शाहदेव, उपकुलसचिव डॉ प्रीतम कुमार, डॉ मथुरा उस्ताद, अनुभव चक्रवर्ती ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन मारवाड़ी महाविद्यालय की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ रीता कुमारी एवं धन्यवाद एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एनएसएस के स्वयंसेवकों में दिवाकर, सुमित, रूपा, रुचि, अन्नू, प्रिंस, पवन, संकेत, दिव्यांशु, नेहा, फलक, रूपम आदि का योगदान रहा।